नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद पर राजनीति तेज होती जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बीजेपी सांसद तापिर गाव के बयान का हवाला देते हुए कहा, "PLA ने मैकमहोन लाइन के 10-12 किलोमीटर अंदर माजा में भारतीय सेना के बेस पर भी कब्जा कर लिया है. हम सरकार से ये जानना चाहते हैं कि जो श्री तापिर गाव कह रहे हैं, वो सही है या गलत? क्योंकि जब उन्होंने लोकसभा में ये बातें उठाई थी, तो कोई जवाब नहीं आया. सरकार अभी भी चुप है. इन तथ्यों की सच्चाई क्या है?"


कांग्रेस नेता ने आगे कहा, जब बीजेपी के स्थानीय सांसद ने चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया, तो हमने भारत सरकार की प्रतिक्रियाओं को देखा है, वे सच्चाई के साथ सामने नहीं आए हैं. इससे शायद चीन को लद्दाखी मिट्टी और हमारे सैनिकों पर आक्रामक हमले शुरू करने की शह मिली है.

कांग्रेस ने कहा, भारत ने डोकलाम में भी आसपास में चीन को सैन्य ढांचे के निर्माण की अनुमति दे दी है और यही वह सबक है, जो वे गलवान घाटी और आसपास के इलाकों में लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. आज हम इस स्थिति में इसलिए हैं क्योंकि प्रधानमंत्री सार्वजनिक व्यक्तित्व के बारे में अधिक परवाह करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में कम. पीएम मोदी ने 3 बार नेपाल का दौरा किया, लेकिन फिर भी हमारी दो सभ्यताओं के बीच के प्राचीन संबंधों की सुरक्षा नहीं कर सके.

कांग्रेस पर बीजेपी का पलटवार
इससे पहले बीजेपी ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार के समय पाकिस्तान और चीन ने 78000 वर्ग किमी की जमीन पर कब्जा कर लिया था और कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया. साथ ही बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ये भी कहा कि 2013 में कांग्रेस सरकार ने बॉर्डर पर सड़क नहीं बनाने की बात कही थी. इसपर भी बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने देशभर में भ्रम की राजनीति भ्रमजाल फैलाया है. उन्हें जवाब देना चाहिए कि उन्होंने चीन और पाकिस्तान को 78000 वर्ग किमी जमीन क्यों दे दी? ये जमीन दो राज्यों के बराबर होती है. हरियाणा जैसे दो राज्य इतनी जमीन में आ सकते हैं. इसमें से चीन को 43000 वर्ग किमी जमीन दी गई.'

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