नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी पर चर्चा हुई. इस दौरान पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने चिट्ठी को लेकर नाराजगी जाहिर की. वहीं गुलाम नबी आजाद राहुल के 'बीजेपी से सांठगांठ' वाले बयान पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि अगर "भाजपा के साथ मिलीभगत" का आरोप टिप्पणी सही साबित हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. हालांकि आजाद ने जवाब देते समय राहुल गांधी का नाम नहीं लिया.


बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी राहुल गांधी के उस आरोप का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने बीजेपी की मदद करने का आरोप लगया था. सिब्बल ने कहा, ''मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का बचाव किया. मणिपुर में बीजेपी से पार्टी का बचाव किया. पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया. फिर भी "हम बीजेपी से मिले हुए हैं!''





दरअसल, बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया. खबरों में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल ने कथित तौर पर यह भी कहा कि पत्र लिखने वाले नेता बीजेपी के साथ साठगांठ कर रहे हैं.


मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी वाड्रा, कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित अन्य कांग्रेस नेता कांग्रेस कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए. सोनिया गांधी का कहना है कि उन्होंने के.सी. वेणुगोपाल को एक नोट दिया है (कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व के लिए लिखे गए पत्र का जवाब) और वे (केसी वेणुगोपाल) इसे पढ़ेंगे.


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