नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत और एलएसी पर चीन के अतिक्रमण के मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से सवाल किया कि अगर गलवान घाटी में घुसपैठ नहीं हुई तो जवान शहीद कैसे हो गए.


सोनिया गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारी सीमा में कोई घुसपैठ नहीं हुई, वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय कई बार चीनी सैनिकों के घुसपैठ की चर्चा करते हैं. एक्सपर्ट्स और मीडिया सैटेलाइट तस्वीरें दिखाकर चीनी घुसपैठ की पुष्टि कर रहे हैं. देश जानना चाहता है कि अगर चीन ने लद्दाख में हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया तो हमारे 20 सैनिकों की शहादत क्यों और कैसे हुई?"


सोनिया गांधी ने आगे कहा, "चीन की सेना ने लद्दाख में घुसपैठ करके कब्जा किया गया. अब मोदी सरकार हमारी जमीन को कब और कैसे वापस लेगी? क्या चीन द्वारा गलवान घाटी में नए निर्माण कर हमारी भूभागीय अखंडता का उल्लंघन किया जा रहा है? क्या प्रधानमंत्री इस स्थिति पर देश को विश्वास में लेंगे?"


गलवान घाटी के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज कांग्रेस ने 'शहीदों को सलाम दिवस' के रूप में मनाया. इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने देशभर में प्रदर्शन कर नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा में चीनी अतिक्रमण का विरोध दर्ज कराया. दरअसल, कांग्रेस देश की जनता को ये बताने की कोशिश कर रही है कि मोदी सरकार चीनी घुसपैठ की सच्चाई छिपा रही है. सरकार के इस रवैए से देश की सुरक्षा और भूभागीय अखंडता खतरे में आ गई है.


कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि आज कांग्रेसजन और देश के नागरिक हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि एवं सैनिकों के शौर्य को नमन करने के लिए पूरे देश में 'शहीदों को सलाम दिवस' मना रहे हैं. मैं खुद को उनके साथ जोड़ती हूं, गलवान घाटी, लद्दाख में चीनी घुसपैठ को रोकते हुए हमारे 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए. देश उनके बलिदान के लिए सदैव आभारी रहेगा. हमें हमारी सैनिकों और सेनाओं पर नाज है. देश सुरक्षित है, क्योंकि हमारी सेना प्राणों की बलि देकर भी देश की हिफाजत लगातार करती है.कांग्रेस पार्टी और हर देशवासी हमारी सेना और सैनिकों के प्रति आदरभाव व्यक्त करते हुए मजबूती के साथ खड़े रहने के संकल्प को फिर दोहराते हैं.

आज जब भारत-चीन सीमा पर संकट की स्थिति है, तो केन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती. आज जब हम शहीदों को नमन कर रहे हैं, तो देश जानना चाहता है कि चीन की सेनाओं द्वारा गुस्ताखी करके लद्दाख इलाके में कब्जा की गई हमारी सरजमीं को मोदी सरकार कब और कैसे वापस लेगी? क्या चीन द्वारा गलवान घाटी व पोंगसांग इलाके में नए निर्माण और नए बंकर बना हमारी भूभागीय अखंडता का उल्लंघन किया जा रहा है, क्या प्रधानमंत्री इस स्थिति पर देश को विश्वास में लेंगे?

आज पूरा देश सेना और सैनिकों के साथ अड़िग रुप से खड़ा है. सरकार को चाहिए कि भारतीय सेना को पूरा समर्थन, सहयोग और ताकत दे यही सच्ची देशभक्ति है.

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