सौरभ गांगुली ने लौटाई ममता सरकार की जमीन, बंगाल चुनाव से पहले बीजेपी में जाने की अटकलें तेज
सौरभ गांगुली और ममता बनर्जी के बीच अच्छे राजनीतिक संबंध हैं. माना जाता है कि गांगुली को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल का अध्यक्ष बनाने के पीछे ममता बनर्जी का ही सहयोग रहा था.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. बंगाल बीजेपी को मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चित चेहरे की तलाश है. ऐसे में बीसीसीआई अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं.
दरअसल, ममता सरकार ने बंगाल के न्यूटाउन में आईसीएससी बोर्ड वाले 12वीं क्लास तक के स्कूल निर्माण के लिए गांगुली को एक जमीन दी थी. अब हाल ही में उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके कार्यालय में मुलाकात की और आवंटित की गई दो एकड़ जमीन लौटा दी. गांगुली के इस कदम से उनके बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. हालांकि गांगुली कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनकी राजनीति में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है.
राजनीतिक संबंध रिपोर्ट्स के मुताबिक, सौरभ गांगुली और ममता बनर्जी के बीच अच्छे राजनीतिक संबंध हैं. माना जाता है कि गांगुली को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल का अध्यक्ष बनाने के पीछे ममता बनर्जी का ही सहयोग रहा था. यही नहीं, गांगुली जब से बीसीसीआई अध्यक्ष बने हैं तब उनके अमित शाह से भी काफी अच्छे संबंध हैं. अक्टूबर 2019 में गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष बनाने में गृहमंत्री अमित शाह ने अहम भूमिका निभाई थी. तभी से राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं कि 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सौरभ गांगुली बीजेपी की कमान संभाल सकते हैं.
बता दें, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह दोनों बीसीसीआई के संविधान की अवहेलना का मुकदमा झेल रहे हैं. झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) में खुद को आजीवन सदस्य और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ झारखंड में खुद को कोषाध्यक्ष बताने वाले नरेश मकानी ने कटघरे में खड़ा किया है.
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