महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को एक साल पूरा, फडणवीस ने कहा- 'हमारा हिंदुत्व नहीं बदला, शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के साथ लंबी चली खींचतान के बाद शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ कर एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई थी. उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
मुंबई: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार आज एक साल पूरा हो गया है. ऐसे मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना पर हमला बोला है. फडणवीस ने कहा, "हमारा हिंदुत्व नहीं बदला है. शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है. सावरकर पर उनके सहयोगियों ने जो कहा उसे वे कैसे भूल सकते हैं? वे कांग्रेस के साथ हैं, जो गुपकर घोषणा को समर्थन देती है, जहां चीन की मदद से आर्टिकल-370 को बहाल करने की बात की गई है."
फडणवीस ने अर्नब गोस्वामी और कंगना रनौत का समर्थन भी किया है. उन्होंने कहा, "कल अर्नब गोस्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट और कंगना रनौत मामले में हाईकोर्ट का फैसला हमने देखा. जिस तरह से लोकतंत्र को खत्म करके इनको टारगेट किया गया, इसका समर्थन नहीं किया जा सकता. हम इसकी निंदा करते हैं."
कैसा रहा उद्धव सरकार का एक साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के साथ लंबी चली खींचतान के बाद शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ कर एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई थी. उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. कोरोना वायरस महामारी और प्राकृतिक आपदाएं जैसे चक्रवात निसर्ग, पूर्व विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बाढ़ आदि घटनाओं ने ‘ठाकरे सरकार’ के सामने कड़ी चुनौतियां पेश की.
जानकारों का कहना है कि इस दौरान मुख्यमंत्री पर घर से काम करने के आरोप लगे लेकिन इसके अलावा उन पर कोई आरोप नहीं लगा. उन्हें और उनके बेटे आदित्य को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में फंसाने की कोशिशें भी नाकाम साबित हुईं. आदित्य राज्य सरकार में मंत्री हैं. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि उद्धव ठाकरे सभी को साथ ले कर चलने पर विश्वास करते हैं, अपने को किसी पर थोपते नहीं हैं.
हालांकि राज्य में इस दौरान पालघर में दो साधुओं की पीट-पीट कर हत्या और अभिनेता सुशांत सिंह की मौत का मामला राजनीतिक सुर्खियां बना रहा. आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किए जाने और अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित बंगले के कुछ हिस्से को शिवसेना नीत बीएमसी द्वारा ढहाए जाने के मामले में भी ठाकरे बीजेपी के निशाने पर आए.
इन घटनाओं और राज्य में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच एमवीए सरकार की स्थिरता को ले कर भी कयास लगाए जाने लगे थे. लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य की एमवीए सरकार को कोई खतरा नहीं हैं और यह तभी गिरेगी जब तीनों में से कोई एक पार्टी बाहर होगी.
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