जयपुर: कृषि कानून को लेकर किसानों और इससे संबंधित तमाम संगठनों ने एक दिन पहले बंद का आह्वान किया. लेकिन केंद्र सरकार ने कृषि कानून को वापस लेने से मना कर दिया है. इसे लेकर अब तक किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच बार बातचीत भी चुकी है, लेकिन ये बेनतीजा रही. इस क्रम में आज का दिन काफी अहम है. विपक्षी पार्टियों का एक गुट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा.
इसके अलावा, केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाते हुए किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजेगी. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने कानून बनाने के दौरान इसकी प्रक्रिया का पूरा पालन करती तो आज ऐसी नौबत नहीं आती.
परामर्श और बात करके बनाते कानून
अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि कानून को लेकर जिस तरह से संसद भवन में हंगामा हुआ. विपक्ष की बात बिना सुने जल्दबाजी में कानून बना दिया गया. अगर सरकार इसे विभिन्न पार्टियों, समितियों और किसान नेताओं से बात करके लाती और संसद भवन में पास करवाती तो इस तरह के विरोध प्रदर्शन की नौबत ही नहीं आती.
सरकार की लोकतांत्रिक सोच नहीं
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह का व्यवहार कर रही है, इससे पता चलता है कि उनकी लोकतांत्रिक सोच नहीं है. सरकार की सोच फासीवादी है, जो किसी भी तरह से अपनी नीति को पूरा करती है. सरकार को ऐसे कानून बनाने की जरूरत नहीं थी. कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.
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