नई दिल्ली: कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस के बाद अब शिवसेना ने भी खुलकर किसान संगठनों का समर्थन कर दिया है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि किसान आंदोलन दुनिया को एक संदेश है. लाखों-करोड़ों किसान दिल्ली की सीमा पर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं. लॉ एंड ऑर्डर की कोई समस्या नहीं है. इतना शांति पूर्ण आंदोलन कभी नहीं हुआ. लेकिन आप उन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी बोलते हो. ये पूरी दुनिया के किसानों का अपमान है.


बीजेपी पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, "जब आप सत्ता में नहीं थे, यही किसान वर्ग है जिसकी वजह से आप सत्ता में आएं. आपने सरदार पटेल की भव्य मूर्ति लगाई है और आज जो किसानों पर अत्याचार हो रहा है उसे देखकर उनकी मूर्ती भी रो रही होगी."


चीन का नाम लेकर भी राउत ने मोदी सरकार पर वार किया है. राउत ने कहा, "आप किसानों पर इतना बल प्रयोग कर रहे हो, आंसू गैस छोड़ रहे हो, लाठियां बरसा रहे हो, बंदूकें तान कर खड़े हो. अगर आप ये बल प्रयोग चीन की सीमा पर करते तो लद्दाख में चीनी नहीं घुसते."


सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं प्रदर्शनकारी
केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवें दिन जारी है. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे प्रदर्शनकारी किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.


गृहमंत्री ने शनिवार को किसानों से दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड आकर प्रदर्शन करने की अपील करते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि बुराड़ी ग्राउंड शिफ्ट होने के दूसरे दिन ही भारत सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है. मगर, किसानों ने उनकी इस अपील को शर्तिया प्रस्ताव बताते हुए इसे मानने से इंकार कर दिया और दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहने का फैसला लिया. किसानों का यह आंदोलन अब पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है और इसका दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते उत्तर भारत का मुख्य मार्ग जीटी रोड पर यातायात बाधित है. किसान नेताओं ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले अन्य मार्गों को भी बंद करने का एलान किया है.


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