हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों पर दिए अपने बयान पर अब माफी मांगी है. मंत्री ने कहा है कि अगर किसी को कष्ट हुआ है, तो मैं क्षमा याचना करता हूं. जेपी दलाल ने अपने बयान में कहा था कि किसान आंदोलन में जो 200 किसान मरे हैं, अगर वो घर पर भी होते, तो भी मरते.


अब सफाई देते हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा, "मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया. मैंने संवेदना प्रकट की थी. दोबारा से करता हूं. किसी की आकस्मिक मौत हो, तो कष्ट होता है. जहां तक शहीद का दर्जा देने की बात है, तो सिर्फ सेना के जवान को दिया जाता है. अगर फिर भी मेरी बातों से किसी को कष्ट हुआ, हो तो मैं क्षमा याचना करता हूं."


पहले कृषि मंत्री ने क्या कहा था
जेपी दलाल ने भिवानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल पर कहा था कि ये जो 200 किसान मरे हैं, अगर घर पर होते तो भी मरते. यहां नहीं मर रहे हैं क्या. उन्होंने कहा, 'लाख दो लाख में से 200 छह महीने में नहीं मरते हैं क्या? कोई हार्ट अटैक से मर रहा है, कोई बुखार से मर रहा है.'


उन्होंने कहा था, 'मुझे ये बता दो कि हिंदुस्तान की एवरेज उम्र कितनी है? और साल के कितने मरते हैं. उसी अनुपात में मरे हैं. 135 करोड़ लोगों के लिए संवेदनाएं हैं. ये एक्सिडेंट में नहीं मरे हैं. स्वेच्छा से मरे हैं.' संवेदना प्रकट करने के सवाल पर हंसते हुए जेपी दलाल ने कहा कि मरे हुए के प्रति पूरी पूरी मेरी हार्दिक संवेदना है.


कांग्रेस ने की बर्खास्त करने की मांग
कृषि मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की है. रणदीप सुरजेवाला ने जेपी दलाल का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "आंदोलन में संघर्षरत अन्नदाताओं के लिए इन शब्दों का प्रयोग एक संवेदनहीन और संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है. शर्म, मगर इनको आती नहीं. पहले किसानों को पाकिस्तान व चीन समर्थक बताने वाले हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए."


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