मुंबई: महाराष्ट्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों से विवाद पैदा हो गया है. इस विवाद के बीच महाराष्ट्र अघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस ने 2 और 3 अप्रैल को पार्टी की दो दिवसीय अहम बैठक बुलाई है.


सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में महाराष्ट्र सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्री, सभी विधायक, राज्य प्रभारी और सह-प्रभारी शामिल होंगे. हालांकि सूत्रों का कहना है कि ये महाराष्ट्र में संगठन में मजबूती के लिए रिव्यू बैठक बुलाई गई है लेकिन जाहिर है इस मसले पर शिवसेना नेता संजय राउत के ताजा तेवर और शरद पवार की अहमदाबाद में हुई अमित शाह से कथित मुलाकात के बाद ये बैठक अहम हो जाती है.


इस बीच, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के लगातार संपर्क में हैं. देखना दिलचस्प होगा कि इस दो दिनों की बैठक के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में विवादित गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुद्दे पर क्या रुख इख़्तियार करती है.


परमबीर के आरोपों की जांच के लिए न्यायाधीश की नियुक्ति
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को हाईकोर्ट के एक अवकाशप्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है. न्यायाधीश कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने के लिए छह महीने का समय दिया गया है.


मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से तबादले के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य दिया था. हालांकि देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया था.


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