भोपाल: मध्य प्रदेश में लंबी जद्दोजहद के बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार हुआ, मगर अब विभाग वितरण को लेकर 'खींचतान' मची हुई है. किसे कौन सा विभाग दिया जाए, इसके लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंथन हो रहा है. इस खींचतान के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि हमने कभी राजनीति में छल कपट का सहारा नहीं लिया. हमने पूरी तरह से बीजेपी को सौंप दिया और यही पार्टी मेरा परिवार है.


सिंधिया ने ट्वीट किया, 'चाहे मेरे पूज्य पिताजी हो या मैं, हमने कभी भी राजनीति में छल कपट का सहारा नहीं लिया. इसीलिए लोग हम पर अनर्गल आरोप लगाते हैं. मैंने खुद को पूरे विश्वास के साथ भारतीय जनता पार्टी को सौंप दिया है. अब यही मेरा परिवार है.'





राज्य में सत्ता बदली और बीजेपी के हाथ में सत्ता आई. शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ शपथ ली. तीन महीने से अधिक का वक्त गुजरने के बाद मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार हो पाया. पहला विस्तार चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक माह बाद हुआ था. पूर्व में जिन पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी उनके पास दो-दो विभाग हैं.


मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, जिनमें 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्री हैं. इन मंत्रियों को विभागों का वितरण किया जाना है, लिहाजा जिन मंत्रियों के पास दो विभाग हैं, उनका एक-एक विभाग छिन सकता है. एक तरफ जहां विभाग छिनने की आशंका से परेशान मंत्री अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर रहे हैं तो दूसरी ओर नए मंत्री मनचाहा विभाग चाह रहे हैं.


कहां पर हैं खींचतान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को कुछ महत्वपूर्ण विभाग दिलाना चाहते हैं, जिनका सीधा वास्ता आम आदमी से है. सिंधिया के 11 समर्थक मंत्री बनाए गए हैं और सिंधिया की ओर से ग्रामीण विकास, पंचायत, महिला बाल विकास, सिंचाई, गृह, परिवहन, जनसंपर्क, खाद्य आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विभागों को मांगा गया है.


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