कपिल सिब्बल ने केंद्र पर किया कटाक्ष, पश्चिम बंगाल में 'पोरिबोर्तन' पर सवाल उठाए
सोमवार को पश्चिम बंगाल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सिंडिकेट शासन और तोलाबाजी (जबरन वसूली) जारी रहती है तो राज्य प्रगति नहीं कर पाएगा. इसी के जवाब में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर किया कटाक्ष.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने केंद्र पर कटाक्ष करते हुए पश्चिम बंगाल में 'पोरिबोर्तन' ( बदलाव) पर सवाल उठाया. दरअसल, सोमवार को पश्चिम बंगाल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर सिंडिकेट शासन और टोलाबाजी (जबरन वसूली) जारी रहती है तो राज्य प्रगति नहीं कर पाएगा.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक ऐसा ही बदलाव लाएगी, जो 2014 के बाद किया गया था, जिसमें विमुद्रीकरण भी शामिल है. सिब्बल ने ट्वीट किया कि मोदीजी ने पश्चिम बंगाल में एक सार्वजनिक बैठक में कथित रूप से कहा कि बंगाल में 'आशोल पोरिबोर्तन' (वास्तविक परिवर्तन) आएगा. कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में 2014 के बाद से अपने प्रधानमंत्रित्व काल में लाए गए कुछ बदलावों को सूचीबद्ध किया, जैसे नोटबंदी, 'नोट' बैंक की राजनीति, सरकारों को गिराना, विरोध करने वालों को सताया जाना, सपने बेचना, डेटा हेरफेर करना आदि.
सोमवार को पश्चिम बंगाल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में विकास तब तक संभव नहीं है, जब तक कि मुद्रा संस्कृति, सिंडिकेट नियम और "टोलाबाजी" (जबरन वसूली) कायम है. भाजपा सरकार का गठन सिर्फ राजनीतिक पोरिबोर्तन (राजनीतिक परिवर्तन) के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि बंगाल में अशोल पोरिबोर्तन (वास्तविक परिवर्तन) के लिए होना चाहिए. हमारा युवा इस 'आशोल पोरिबोर्तन' (वास्तविक परिवर्तन) की आशा के साथ जी रहा है और इस तरह हमें बंगाल में भाजपा की सरकार बनाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में योजनाओं का मौद्रिक लाभ गरीबों तक कभी नहीं पहुंचा, क्योंकि टीएमसी राज्य के गरीबों, जरूरतमंदों और महिलाओं की परवाह नहीं करती है. इस साल विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी और बीजेपी के बीच काफी तल्खी आई है. पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है.