Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर की गई टिप्पणी के बाद शिवसैनिकों ने उनके खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था. राणे के खिलाफ शिवसैनिकों के प्रदर्शन की अगुवाई वरुण सरदेसाई ने की थीं.
वरुण, आदित्य ठाकरे के मौसेरे भाई हैं और फिलहाल युवासेना में सचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. राणे के जूहु स्थित घर के बाहर शिवसैनिकों ने जो हंगामा बरपाया था उसका नेतृत्व वरुण सरदेसाई ही कर रहे थे. आक्रामक तेवर वाले वरुण सरदेसाई का कद अब धीरे-धीरे शिवसेना में बढ़ रहा है.
वरुण सरदेसाई शिवसेना पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे की बहन के बेटे है. 28 साल के वरुण सरदेसाई ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. फिलहाल वो युवा सेना में सचिव और शिवसेना की IT सेल की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं. 2014 के चुनाव में वरुण पहली बार शिवसेना के लिए प्रचार करते नजर आए थे.
कल्याण की लोकसभा सीट से सांसद श्रिकांत शिंदे के प्रचार के लिए उन्होंने जमकर मेहनत की थी. यही वजह थी कि, पिछले विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी के साथ शिवसेना का गठबंधन टूटा तो शिवसेना के स्टार प्रचाकरो की लिस्ट में वरुण का नाम शामिल किया गया था. ये वही दौर था जब बीजेपी का IT सेल काफी मजबूत था और इसे टक्कर देने के लिए शिवसेना के IT सेल का जिम्मा वरुण ने संभाला था.
ठाकरे परिवार के चुनाव लड़ने को लेकर की थी सोशल मीडिया पर पोस्ट
2019 के विधानसभा चुनाव से पहले वरुण ने अपने instagram अकाउंट से आदित्य ठाकरे के साथ गले मिलते हुए एक पोस्ट की और लिखा, ”यही समय है यही मौका है. लक्ष्य विधानसभा चुनाव 2019 का है,महाराष्ट्र आपका इंतजार कर रहा है.” वरुण की ये पोस्ट आग की तरह वायरल हुई. इसके साथ ही ये लगभग तय हो गया कि ठाकरे परिवार की चुनाव ना लढ़ने की परम्परा इस चुनाव में टूटने वाली है और आदित्य का विधानसभा चुनाव लड़ना भी लगभग तय है.
बता दें कि, इससे पहले शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे से लेकर उद्धव ठाकरे या राज ठाकरे किसी ने अब तक चुनाव नहीं लड़ा था. इसी दौरान जब शिवसेना और बीजेपी के बीच सत्ता के बंटवारे पर बैठकों का दौर चल रहा था तब वरुण की एक और पोस्ट ने महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचा दिया था. वरुण ने लिखा की शिवसेना -बीजेपी के बीच ढाई ढाई साल के सीएम पद का फ़ॉर्म्युला तय हो गया है.
विवादों से भी वरुण सरदेसाई का नाता
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अगाड़ी की सरकार की बैठकों में वरुण की उपस्थिति को लेकर भी बड़ा बवाल मचा था. सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकों में उनकी तस्वीर सामने आने के बाद विपक्ष ने जमकर हमला बोला था. इस विवाद के बाद वरुण ने मंत्रालय में आना बंद कर दिया था. इसके बाद एक बार फिर वरुण सरदेसाई को Y+ सुरक्षा देने पर राज्य सरकार की जमकर आलोचना हुई. जबकि महाराष्ट्र सरकार ने देवेंद्र फड़नवीस, आशीष शेलार जैसे बड़े नेताओ को दी सुरक्षा को वापस लेने का फैसला किया था.
इसके बाद वरुण सरदेसाई पर एंटीलिया विस्फोटक केस और कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में गिरफ्तार सचिन वाजे के साथ संबंध होने के भी आरोप लगे. बीजेपी विधायक नीतीश राणे ने 15 मार्च को एक प्रेस वार्ता में वाजे और वरुण के बीच संबंध होने का आरोप लगाया था. हालांकि इस दौरान राणे ने कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया था.
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