शिवराज सिंह चौहान की दूसरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव, कांग्रेस ने प्राइवेट अस्पताल में इलाज पर उठाए सवाल
कांग्रेस ने एमपी के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग का इस्तीफा मांगा है. उनका आरोप है कि वो मुख्यमंत्री शिवराज को उनके अधीन आने वाले शासकीय हमीदिया अस्पताल की सुविधाओं का विश्वास ही नहीं दिला पाए.
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दूसरी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. सीएम कोरोना पॉजिटिव होने के कारण इन दिनों भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं. यहीं से ही सरकारी कामों को निपटा रहे हैं. आज पहली बार सीएम वर्चुअल कैबिनेट बैठक करेंगे. मंत्रिमंडल के सदस्य किसी भी स्थान से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे. वहीं राज्य में सियासत भी जारी है. कांग्रेस ने सीएम के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि क्या सीएम को सरकारी अस्पताल पर भरोसा नहीं है, इसलिए वह प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हुए हैं.
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने सवाल खड़ा किया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सरकारी हमीदिया अस्पताल को छोड़ प्राइवेट अस्पताल को इलाज के लिए क्यों चुना? कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि जब कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इसी हमीदिया अस्पताल में सर्जरी करवाई थी जबकि वो देश के किसी भी अस्पताल में सर्जरी करवा सकते थे.
कांग्रेस ने एमपी के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग का इस्तीफा मांगा है. उनका आरोप है कि वो मुख्यमंत्री शिवराज को उनके अधीन आने वाले शासकीय हमीदिया अस्पताल की सुविधाओं का विश्वास ही नहीं दिला पाए.
दिग्विजय सिंह ने कसा तंज इससे पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शिवराज पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि आपको सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखना था. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘’दुख है शिवराज जी आप कोरोना संक्रमित पाए गए. ईश्वर आपको शीघ्र स्वस्थ करें. आपको सोशल डिस्टेंसिंग का ख़याल रखना था जो आपने नहीं रखा. मुझ पर तो भोपाल पुलिस ने FIR दर्ज कर ली थी आप पर कैसे करते. आगे अपना खयाल रखें.’’
कमलनाथ ने बोला हमला वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘’शिवराज जी , आपके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर काफी दुःख हुआ. ईश्वर से आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. बस अफ़सोस इस बात का है कि जब हम कोरोना को लेकर गंभीर थे, तब आप कोरोना को कभी नाटक बताते थे, कभी डरोना बताते थे, कभी सत्ता बचाने का हथियार बताते थे, कभी हम पर कुछ आरोप लगाते थे, कभी कुछ कहते थे, कभी कुछ. हम शुरू से कहते थे कि यह एक गंभीर बीमारी है, इससे संभलकर रहने की आवश्यकता है, सावधान रहने की आवश्यकता है, इसके प्रोटोकाल के पालन की आवश्यकता है.’’
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