(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आंध्र प्रदेश बीजेपी ने 'कांच का ग्लास' चुनाव चिन्ह पर जताई आपत्ति, जानिए क्या है पूरा मामला
बीजेपी और जनसेना दोनों नेताओं को डर है कि नवतारम पार्टी को आवंटित किया गया प्रतीक अब सहयोगी दलों के वोट शेयर कम कर सकता है, जो संयुक्त रूप से तिरुपति उपचुनाव लड़ रहे हैं.
तिरुपति: आंध्र प्रदेश बीजेपी और जनसेना नेताओं ने नवतारम पार्टी को 'कांच का ग्लास' चुनाव चिन्ह आवंटित करने पर आपत्ति जताई है. साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया है कि आगामी तिरुपति उपचुनाव में मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए ऐसा जानबूझकर किया गया है. बीजेपी के राज्य महासचिव एस विष्णु वर्धन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि इस सबके पीछे सत्तारूढ़ युवाजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) है.
रेड्डी ने दावा किया कि वाईएसआरसीपी ने तिरुपति उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार बनाया जिसका चुनाव चिन्ह जनसेना पार्टी के निशान से मिलता-जुलता है. जनता सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी को चुनाव में अच्छा सबक सिखाएगी. कांच का ग्लास वाला निशान अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण द्वारा स्थापित जनसेना पार्टी से जुड़ा प्रतीक है. यह दक्षिणी राज्य में बीजेपी का स्थानीय सहयोगी भी है.
आखिर बीजेपी और जनसेना को क्या डर है जनसेना ने इस प्रतीक के साथ 2019 का चुनाव लड़ा और इसे पार्टी की पहचान के रूप में व्यापक रूप से प्रचारित किया. हालांकि, बीजेपी और जनसेना दोनों नेताओं को डर है कि नवतारम पार्टी को आवंटित किया गया प्रतीक अब सहयोगी दलों के वोट शेयर कम कर सकता है, जो संयुक्त रूप से तिरुपति उपचुनाव लड़ रहे हैं. नवताराम पार्टी की स्थापना राव सुब्रमण्यम ने की थी और उसके उम्मीदवार गोदा रमेश कुमार 17 अप्रैल को अनुसूचित जाति-आरक्षित तिरुपति से उपचुनाव लड़ रहे हैं.
सोमवार को जीवीएल नरसिम्हा राव समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने निर्वाचन आयोग से उपचुनाव के लिए नवताराम पार्टी के प्रतीक चिन्ह को बचाने का आग्रह किया. रेड्डी ने दावा किया कि कुमार एक स्वतंत्र उम्मीदवार नहीं हैं, लेकिन नवतारम पार्टी के झंडे तले चुनाव लड़ रहे हैं.
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