मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के एनसीपी नेता नवाब मलिक ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने वाली सभी कंपनियों को धमकाया है और महाराष्ट्र को ये दवा देने के लिए मना किया है. आरोप है कि केंद्र ने इन कंपनियों को लाइसेंस रद्द करने तक धमकी दी है. 


एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, "हम लोगों की मांग पर केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने वाली कंपनियों के निर्यात पर पाबंदी लगाई. अब ये 16 कंपनियां विदेश में दवा निर्यात नहीं कर पा रहे हैं. वो देश के भीतर ही बेचने की अनुमति मांग रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार ने सीधे उन कंपनियों से संपर्क किया. इसके लिए कंपनियों ने जब केंद्र से अनुमति मांगी, तो कंपनियों से कहा गया कि अगर आपने सीधे महाराष्ट्र सरकार को ये दवा दी, तो कार्रवाई की जाएगी."


नवाब मलिक ने आगे कहा, "हमें लगता है केंद्र का ये रवैया घातक है. देश में लोग दवा बिना मर रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदना चाहती है, तो बेचने वालों को रोका जा रहा है. ये गलत है. क्या ये भेदभाव का रवैया नहीं है? क्या महाराष्ट्र में रहने वाले भारत के हैं या नहीं, ये केंद्र की सरकार तो बताना पड़ेगा."


महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत
एक दिन पहले महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने कहा था कि राज्य में अगले दो-तीन दिन तक रेमडेसिविर इंजेक्शन की 12 से 15 हजार खुराक की कमी रहेगी जिसका इस्तेमाल कोविड-19 मरीजों के इलाज में होता है. उन्होंने कहा कि दवा कंपनियों ने रेमडेसिविर के उत्पादन में वृद्धि की है लेकिन नयी खेप के बजार तक पहुंचने में समय लगेगा.


शिंगणे ने बताया, "रेमडेसिविर इंजेक्शन उत्पादित करने वाली कंपनियों ने अपना उत्पादन बढ़ा दिया है लेकिन बाजार तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा. अगर हम 10 से 12 प्रतिशत की किल्लत पर विचार करें तो महाराष्ट्र में अगले दो-तीन दिन तक 12 से 15 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की खुराक की कमी बनी रहेगी."


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