चंडीगढ़: किसान आंदोलन के बाद से सड़कों पर लोगों का गुस्सा झेल रही हरियाणा की खट्टर सरकार अब सदन में परीक्षा देने जा रही है. खट्टर सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही है और इसको लेकर दोनों में राजनीतिक तू तू मैं मैं भी शुरू हो गई है. इस बीच जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली ने राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री और जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला से पूरी पार्टी समेत खट्टर सरकार से अलग हो जाने की मांग की है.


जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली ने कहा, "अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के पक्ष में वोट करना मेरी मजबूरी है. लेकिन हालात को देखते हुए खट्टर सरकार से अलग हो जाना चाहिए. इस समय हालात ऐसे हैं कि हम कहीं जा नहीं सकते, क्‍योंकि लोग हमें डंडों से मारेंगे."


हरियाणा का बहुमत गणित
हरियाणा में बहुमत के गणित की बात करें तो बीजेपी के पास 40 और जेजेपी के 10 विधायक हैं जबकि 7 निर्दलीय में से 5 सरकार के समर्थन में हैं. इसके अलावा एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है और वह भी सरकार के समर्थन में है. 90 विधानसभा वाली हरियाणा में अभी 2 सीट खाली हैं जिसकी वजह से बहुमत का आंकड़ा 45 है. यानी सब कुछ ठीक रहा तो सरकार पर कोई खतरा नहीं है. लेकिन किसान संयुक्त मोर्चा ने पहले ही बीजेपी-जेजेपी विधायकों को चिट्ठी लिखकर सरकार के खिलाफ वोट करने की अपील की है. किसान आंदोलन के बाद बने विरोध के माहौल में अगर सीएम खट्टर सरकार बचाने में कामयाब रहते हैं तो ये बड़ी जीत होगी.


बीजेपी, जेजेपी और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर हरियाणा में पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने सदस्यों को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है. हरियाणा सरकार के मंत्री और बीजेपी के मुख्य सचेतक कंवर पाल ने कहा, 'हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भारतीय जनता विधायक दल के सभी सदस्यों से 10 मार्च को सदन में लगातार उपस्थित रहने का अनुरोध किया जाता है.'


व्हिप जारी करते हुए उन्होंने कहा, 'नेतृत्व की अनुमति के बिना वह सदन से बाहर न जाएं. चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा होगी. सदस्यों से अनुरोध है कि वे मतविभाजन और मतदान के समय उपस्थित रहें.'


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