अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों कि तैयारियों ने भी जोर पकड़ लिया है. जहां एक तरफ बीजेपी ने बंगाल में ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं वहीं लेफ्ट ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है. एबीपी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, इसी महीने की 30 और 31 तारीख को सीपीएम अपनी सेन्ट्रल कमेटी कि बैठक में कांग्रेस के साथ गठबंधन किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है.


ABP News को लेफ्ट के बड़े सूत्रों ने बड़ी जानकारी दी है कि राज्य में बीजेपी को रोकने के लिए लेफ्ट और कांग्रेस का साथ आना तो लगभग तय है मगर किसी भी सूरत में लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस एक साथ नहीं आएंगे.


ममता बनर्जी और लेफ्ट के एक साथ आने की गुंजाइश नहीं
असल में 2019 लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल विधानसभा में बोलते हुए एक बार ममता बनर्जी ने लेफ्ट से भी बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का आह्वान किया था, तब ही से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि जैसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी साथ आए वैसे ही क्या बंगाल में बीजेपी को रोकने के लिए तृणमूल और लेफ्ट भी साथ आ सकते हैं? हलाकि ममता बनर्जी ने बाद में अपना बयान बदल दिया था. यहीं नहीं त्रिपुरा में जब लेनिन की मूर्ति क्षतिग्रस्त की गई थी तब भी ममता ने इसकी भर्त्सना की थी.


हांलाकि ABP News से लेफ्ट फ्रंट के उच्च सूत्रों ने साफ तौर पर इस गुंजाइश से इंकार कर दिया है. लेफ्ट के सूत्रों का कहना है कि बंगाल में बीजेपी की विभाजित नीतियों समेत ममता सरकार के खिलाफ लोगों में बहुत नाराजगी है और ऐसे में लेफ्ट और कांग्रेस साथ मिलकर ही राज्य की जनता को बेहतर विकल्प दे सकती है. ऐसे में ममता के साथ जाने कि कोई गुंजाइश हीं नहीं हे.


इस बीच 30, 31 अक्टूबर को सीपीएम की होने वाली महत्वपूर्ण सेंट्रल कमेटी की बैठक से पहले 24 और 25 अक्टूबर को दिल्ली में पोलितब्यूरो की बैठक भी होनी है.


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