नई दिल्ली: असंतुष्टों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा सभी को साथ लेकर चलने की बात कहे जाने के बावजूद किसी भी नेता का अंदरुनी विषयों पर सार्वजनिक रूप से बयान देना उचित नहीं है. कांग्रेस का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब पार्टी के कुछ नेता अभी भी अंदरुनी विषयों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी कर रहे हैं.
दरअसल, हाल ही में पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव करने की मांग की थी. कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की हालिया बैठक में पार्टी अध्यक्ष द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार पार्टी को साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा. इस बैठक में कांग्रेस के अंदरुनी विषयों पर सात घंटे तक गंभीर चर्चा हुई थी. वह किसी व्यक्ति विशेष या उनके संवाददाता सम्मेलन या खबरों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "यह आजाद देश है. किसी के बोलने या ना बोलने पर पाबंदी नहीं है."
कांग्रेस में बगावत?
सीडब्ल्यूसी की बैठक खत्म होने के बाद गुुलाम नबी आजाद के घर पर मनीष तिवारी, शशि थरूर, कपिल सिब्बल, मुकुल वासनिक जैसे चिट्ठी लिखने वाले नेताओं की बैठक भी हुई. यह खेमा खुल कर तो कुछ नहीं बोल रहा लेकिन ट्विटर के जरिए यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि चिट्ठी कोई पद हासिल करने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस में सुधार लाने के मकसद से लिखी गई थी. यही बात इन नेताओं ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी रखी थी.
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