Chhath Puja in Delhi: दिल्ली में छठ पूजा पर जमकर राजनीति, बीजेपी और आम आदमी पार्टी की लड़ाई में कांग्रेस भी कूदी
Chhath Puja in Delhi: दिल्ली में हर साल बड़ी संख्या में लोग यमुना के घाटों पर छठ पूजा करते रहे है. लेकिन छठ पूजा को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है हालांकि इसपर राजनीति तेज हो गई.
Chhath Puja in Delhi: दिल्ली में छठ पूजा को लेकर राजनीति तेज है. जहां सार्वजनिक घाटों और यमुना किनारे छठ पूजा न करने की अनुमति को लेकर बीजेपी केजरीवाल सरकार को घेरने के जुटी है वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस बारे में गाइडलाइन को लेकर आम आदमी पार्टी बीजेपी पर पलटवार कर रही है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से राजधानी में छठ की अनुमति देने की मांग की है. वहीं बीजेपी और आम आदमी पार्टी की लड़ाई में कांग्रेस भी कूद गई है.
हाल में हुई डीडीएमए की बैठक में फैसला किया गया कि कोरोना को देखते हुए दिल्ली में सार्वजनिक जगहों और घाटों पर छठ पूजा करने की अनुमति नहीं होगी. इसके बाद दिल्ली में छठ पूजा को लेकर राजनीति शुरू हो गई. बीजेपी इसको लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी को पूजा की अनुमति देने को लेकर घेरने में जुट गई. बीजेपी की दलील है कि अगर पूरी दिल्ली को अनलॉक किया जा सकता है और साथ ही सभी तरह की एक्टिविटी को अनुमति दे दी गई है तो छठ के आयोजन पर मनाई क्यों है. इसे लेकर दिल्ली बीजेपी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन भी किया जिसमें बीजेपी सांसद मनोज तिवारी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली सरकार के इस फैसले को पूर्वांचलियों का अपमान बताया है.
दिल्ली सरकार ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाली
जिसके बाद बीजेपी पर पलटवार करते हुए दिल्ली सरकार ने छठ पूजा को लेकर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने छठ पूजा आयोजन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को चिट्टी लिखी और छठ पर्व मनाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोई दिशा-निर्देश या गाइडलाइन जारी करने की अपील की. मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि छठ पूजा उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में मनाए जाने वाला बहुत ही शुभ ऐतिहासिक एवं सामाजिक-सांस्कृतिक त्योहार है, खासकर पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में श्रद्धा और तपस्या के साथ इस पर्व को मनाते हैं. दिल्ली में भी यह पर्व हर वर्ष बेहद निष्ठा के साथ मनाया जाता है. इस साल भी पूर्वांचल के लोग अपने परिवार और प्रियजनों के साथ छठ पर्व मनाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं लिहाजा छठ को लेकर गाइडलाइन जारी करें केंद्र सरकार.
वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने इसे अगले साल होने वाले नगर निगम चुनावों से जोड़ दिया. उनके मुताबिक ये सब कुछ सिर्फ अगले साल होने वाले चुनाव की वजह से ही हो रहा है. उन्होंने कहा, बीजेपी को छठ की नहीं पड़ी है. उन्हें सिर्फ MCD चुनाव दिख रहा है, 15 साल में बीजेपी ने गंदगी का अंबार तीन कूड़े के पहाड़ और भ्रष्टाचार ही दिया है.
केजरीवाल ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अनुमति मांगी
वहीं आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखकर छठ पूजा करने की अनुमति देने की मांग की है. केजरीवाल ने मांग की है कि छठ पूजा सार्वजनिक रूप से मनाने की अनुमति दी जाए. उपराज्यपाल को लिखी चिट्टी में अरविंद केजरीवाल ने लिखा है, दिल्ली में पिछले तीन महीनों से कोविड महामारी नियंत्रण में है मेरा विचार है कि हमें कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखते हुए छठ पूजा मनाने की अनुमति देनी चाहिए. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि पड़ोसी राज्यों ने भी अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उचित प्रतिबंधों के साथ छठ पूजा मनाने की अनुमति दी है. मेरा आपसे अनुरोध है कि यथाशीघ्र DDMA की बैठक बुलाकर छठ पूजा समारोह के आयोजन की अनुमति प्रदान करें.
बीजेपी और आम आदमी पार्टी की लड़ाई में कांग्रेस भी कूदी
इस बीच दिल्ली में छठ पूजा कराने को लेकर दिल्ली कांग्रेस ने भी सीएम केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया है. कांग्रेस भी केजरीवाल सरकार पर अनुमति न देने को लेकर सवाल खड़े कर रही है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, "अरविंद केजरीवाल 7 साल से झूठ बोल रहे हैं. अरविंद का चिट्ठी लिखना एक औपचारिकता है. पिछले साल दीपावली और अभी कुछ वक्त पहले गणेश चतुर्थी की पूजा की जिसमे करोड़ों रुपए खर्च किए. क्या उसके लिए परमिशन मांगी? अपनी पूजा के लिए डीडीएमए से परमिशन मांगी क्या? कानून कहता है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत कार्यक्रम आयोजित करवाने हैं. आप कोविड SOP के तहत ये पूजा आयोजित करा सकते थे लेकिन आपकी नीयत नहीं थी. यमुना किनारी आप व्यवस्था करते तो पूजा का आयोजन किया जा सकता था. छठ पूजा नहीं आयोजित नहीं करना चाहते. ये सरकार गरीब विरोधी है, पूर्वांचली विरोधी, दलित विरोधी है."
दिल्ली में हर साल बड़ी संख्या में लोग यमुना के घाटों पर छठ पूजा करते रहे है. पिछले साल कोरोना के चलते दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर छठ पर्व का आयोजन नहीं किया गया था. इस साल भी दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कोरोना के मद्देनजर आदेश जारी कर सार्वजनिक जगहों पर छठ पर्व के आयोजन पर रोक लगा दी है. फिलहाल छठ पूजा को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन इसपर राजनीति तेज हो गई. हर पार्टी इस पर्व को मनाने की बात कर रही है क्योंकि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में दिल्ली में रहते है और इस पर्व को मानते है. वहीं कई सीटों पर ये निर्णायक भूमिका में है इसलिए इसको लेकर राजनीति भी खूब हो रही है.
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