ट्रैक्टर चलाकर संसद के गेट पर पहुंचे राहुल गांधी ने की नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग, हिरासत में लिए गए कई कांग्रेसी नेता
राहुल गांधी ऐसे समय पर कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन परिसर के नजदीक पहुंचे, जब किसान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन परिसर के गेट तक पहुंचे और कहा कि केंद्र को इन तीनों कानूनों को वापस लेना होगा. उनके साथ मौजूद रहे कई कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया. राहुल गांधी जो ट्रैक्टर चला रहे थे उस पर उनके साथ राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा और पार्टी के कुछ अन्य सांसद बैठे थे. इस ट्रैक्टर के आगे एक बैनर भी लगा था जिस पर ‘‘किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानून वापस लो - वापस लो’’ लिखा हुआ था.
तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति समर्थन जताने वाले राहुल गांधी ने कहा, ‘‘सरकार के मुताबिक, आंदोलन कर रहे किसान आतंकवादी हैं. किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है. दो-तीन बड़े उद्योगपतियों के लिए ये कानून लाए गए हैं. यह बात पूरा देश जानता है. इन कानूनों को वापस लेना पड़ेगा.’’
बाद में उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अगर खेत बेचने पर मजबूर करोगे, तो ट्रैक्टर संसद में चलेगा- सत्य की फ़सल उगाकर रहेंगे! कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो.’’ कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी के साथ मौजूद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रणव झा, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. और कई अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, हालांकि बाद में इन्हें छोड़ दिया गया.
सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन के बाद कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला, यूथ कांग्रेस प्रसिडेंट श्रीनिवास बीवी और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था. रिहाई के बाद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कि देश के कृषि और किसानों की सुरक्षा के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें हमें 7 घंटे तक जेल में रखा. वे हमें 70 सालों तक जेल में रखें लेकिन काले कानूनों को वापस लेना होगा.
राहुल गांधी ऐसे समय पर कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन परिसर के नजदीक पहुंचे, जब किसान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं. सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हुई जो बेनतीजा रही है.