कोटा: राजस्थान के कोटा से बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने किसान आंदोलन पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि देश को नष्ट करने की इच्छा रखने वाले उग्रवादी और लुटेरे केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में संभवत: शामिल हो गए हैं. विधायक ने आरोप लगाया कि 'तथाकथित' किसानों को देश की चिंता नहीं है, वे स्वादिष्ट व्यंजनों के अलावा अन्य 'विलासिताओं' का आनंद ले रहे हैं और 'पिकनिक मना रहे हैं'.
मदन दिलावर ने एक वीडियो में बयान दिया कि प्रदर्शनकारी किसान प्रदर्शन स्थल पर मुर्गे-मुर्गियों का मांस और बिरयानी खाकर बर्ड फ्लू फैलाने का 'षड्यंत्र' रच रहे हैं. राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी विधायक के इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे 'शर्मनाक' टिप्पणी बताया और कहा कि यह 'बीजेपी की विचारधारा को दर्शाती' है.
"कांग्रेस ने कृषि क्षेत्र में बिचौलियों की समर्थक"
वहीं यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है क्योंकि वह नहीं चाहती कि फसलों की खरीद में शामिल बिचौलियों का अस्तित्व खत्म हो जाए. उन्होंने दावा किया कि कृषि कानूनों ने किसानों की आय बढ़ाने का खाका तैयार किया है.
उन्होंने आरोप लगाया, 'कांग्रेस ने सत्ता में रहने के दौरान किसानों का कभी भला नहीं किया और अब विपक्ष में रहकर भी उनका (किसानों का) अहित कर रही है. किसानों को इस बारे में गुमराह करने की कोशिश की जा रही है कि बडे़ उद्योगपति किसानों की जमीन हड़प लेंगे.'
किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राजभवनों का घेराव करेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए 15 जनवरी को सभी राज्यों में 'किसान अधिकार दिवस' मनाएगी और उसके नेता, कार्यकर्ता राजभवनों का घेराव करेंगे. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जन आंदोलन करेगी."
सुरजेवाला ने कहा कि समय आ गया है कि मोदी सरकार देश के अन्नदाता की चेतावनी को समझे, क्योंकि अब देश के किसान काले कानून खत्म करवाने के लिए करो या मरो की राह पर चल पड़े हैं. पार्टी 15 जनवरी को विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का आयोजन करेगी, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करने के लिए राजभवन में एक मार्च आयोजित किया जाएगा.
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