राजस्थान में सियासी संकट के बीच सचिन पायलट ने विधानसभा स्पीकर को जन्मदिन पर कुछ यूं दी बधाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र की आपत्तियों पर चर्चा हुई.
जयपुर: राजस्थान में सियासी संकट जारी है. इस बीच आज यानी 29 जुलाई को राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने विधानसभा स्पीकर को जन्मदिन की बधाई दी.
सचिन पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ''राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. मैं ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं.''
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष @drcpjoshi जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मैं ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की कामना करता हूँ।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 29, 2020
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सीपी जोशी को बधाई दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई. मैं आपकी खुशी, अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करता हूं.
Warm birthday greetings to Speaker of Rajasthan Legislative Assembly, @drcpjoshi ji. Wish you happiness, good health and a long life.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 29, 2020
राजस्थान में सियासी मामले का अपडेट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र की आपत्तियों पर चर्चा हुई. बैठक ढाई घंटे तक चली. गहलोत की टीम ने अपने जवाब का मसौदा तैयार किया और 31 जुलाई को विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के लिए तीसरी बार उनसे अनुरोध करते हुए राज्यपाल को पत्र भेजा. अब राज भवन के जवाब का इंतजार है. कैबिनेट की बैठक के तत्काल बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खारियावास ने कहा कि सत्र बुलाने का हमारा कानूनी अधिकार है.
राज्यपाल विशेष विधानसभा सत्र की मांग के प्रस्ताव वाली राज्य सरकार की फाइल को दो बार लौटा चुके हैं. गहलोत सरकार लगता है कि 31 जुलाई से विशेष सत्र बुलाने पर अब अडिग है. राजनीतिक संकट सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच लड़ाई के साथ शुरू हुई है, जो अब गहलोत बनाम राज्यपाल की लड़ाई में बदल गई है.
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