राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलने पहुंचे शरद पवार और संजय राउत, बीजेपी नेता भी उपराष्ट्रपति से मिलेंगे
आज संसद सदस्यों और विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने मानसून सत्र में कटौती के विरोध में संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला. सांसदों ने बैनर और तख्तियां लेकर कृषि कानूनों को वापस लेने का आह्वान किया
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं का केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जारी है. इसी सिलसिले में आज विपक्ष के नेता उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलने पहुंच रहे हैं. विपक्ष के नेताओं का वेंकैया नायडु के घर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. शरद पवार, संजय राउत वेंकैया नायडु के घर पहुंच चुके हैं. विपक्ष के नेताओं से मुलाकात के बाद सरकार की ओर से पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी से भी वेंकैया नायडु मुलाकात करेंगे.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की. ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था.'
इससे पहले संसद सदस्यों और विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने मानसून सत्र में कटौती के विरोध में गुरुवार को संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला. सांसदों ने बैनर और तख्तियां लेकर कृषि कानूनों को वापस लेने का आह्वान किया और इनमें 'लोकतंत्र की हत्या' लिखा हुआ था. विरोध का नेतृत्व करते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया, "हमें प्रेस से बात करने के लिए यहां आना होगा क्योंकि विपक्ष में हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है. यह लोकतंत्र की हत्या है."
बीजेपी का पलटवार
इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, "जिस प्रकार का व्यवहार आज कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां सड़क पर उतरकर कर रही हैं. जिस प्रकार अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है. संसद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लॉबी में कांच का गेट तोड़ दिया गया जिससे एक सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुई है. वो भी अस्पताल में है. ये वही विपक्षी हैं जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए मगर जब सत्र चल रहा था, कोरोना पर एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी."
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