महाराष्ट्र में एंटीलिया केस और अब पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी पर बवाल मचा हुआ है. उधर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में आज बीजेपी सरकार पर सवाल उठा दिए हैं. शिवसेना ने कहा है कि 'उत्तर प्रदेश के एक मंदिर में प्यासे मुसलमान बच्चे को पानी देने से इनकार कर दिया जाता है. ये कैसा राम राज्य है? जहां पानी नकार दिया गया, वहां मंदिर में ईश्वर का वास नहीं होना चाहिए!'


सामना में शिवसेना ने कहा, 'उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जो हुआ वह झकझोरने वाला है. एक प्यासा बच्चा वहां के एक मंदिर में पानी पीने गया था. नल की टोंटी से दो घूंट पानी पीया तभी मंदिर से दो लोग दौड़ते हुए वहां आए. उस बच्चे को उन्होंने बेरहमी से पीटा. उस बच्चे को मारने के दौरान एक वीडियो तैयार करके ‘वायरल’ किया गया. उस प्यासे बच्चे को क्यों मारा? तो उसका धर्म मुसलमान था. उसका गुनाह यह है कि प्यासा होने के बावजूद वह प्यास मिटाने के लिए हिंदुओं के मंदिर में गया. मंदिर के बाहर एक बोर्ड पहले ही लगा था. मुसलमानों को अंदर प्रवेश नहीं! बस.'


कौन-सा हिंदू?
मुखपत्र में आगे कहा गया है, 'किस हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व हम कर रहे हैं? ऐसा सवाल मेरे मन में इस पूरे मामले को लेकर उठा. सहिष्णुता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा अलंकार है. ऐसी घटनाएं जब सामने आती हैं तब यह अलंकार नकली सिद्ध होता है. लव जिहाद के विरोध में माहौल तैयार करना, गोमांस प्रकरण में हिंसाचार करना ये अब रोज की ही बात हो गई है. परंतु ये सब करने वाले और इस कृत्य का समर्थन करनेवाले अब प्यासे मुस्लिम बच्चे को उसके मंदिर में पानी पीने के लिए जाने की वजह से जो मारपीट की, उस घटना का भी समर्थन करेंगे क्या?'


बीजेपी पर निशाना साधते हुए आगे कहा गया, 'पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी जय श्रीराम का नारा नहीं देतीं, वह हिंदू विरोधी हैं, ऐसा प्रचार हो रहा है. परंतु हिंदुओं के मंदिर में प्यासे को पानी नकारना व पानी पीने के कारण एक बच्चे को मारना ये भी उतना ही हिंदू विरोधी है. प्रधानमंत्री मोदी अपने मन की बात में देश की कई छोटी-मोटी घटनाओं पर भावनात्मक तड़का देते रहते हैं. उन्हें पानी नकारे गए उस छोटे बच्चे के मुद्दे को भी स्पर्श करना चाहिए.'


झगड़ा किससे?
शिवसेना ने पूछा है कि हमारा झगड़ा पाकिस्तान से है या मुसलमानों से? हिंदू बनाम मुसलमान ऐसा झगड़ा करके उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में लगातार चुनाव लड़े जाते हैं. हिंदू-मुसलमानों के खाने-पीने की आदतें दंगे का मुद्दा बनती हैं, महान देश के ये लक्षण अच्छे नहीं हैं. अब पड़ोस के पाकिस्तान में क्या हो रहा है ये देखें. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हमले होते हैं. मंदिर तोड़े जाते हैं इसलिए हिंदुओं का पलायन जारी ही रहता है. अब ऐसी खबर आई है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पुरातन हिंदू मंदिर को ध्वस्त करके उसमें आग लगानेवाली हिंसक भीड़ को वहां के हिंदू समुदाय ने माफ करने का निर्णय लिया है.


पानी मतलब अमृत
मुखपत्र में कहा गया है, 'हमारे देश में गंगा के पानी को अमृत का दर्जा दिया गया है. वह अमृत जहर बन गया इसलिए गंगा शुद्धिकरण के लिए अब तक हजारों करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए. वह पानी साफ हो भी जाएगा परंतु एक मंदिर में प्यासे को पानी नकारा गया. वो भी जहां श्रीराम का मंदिर हिंदुओं के खून से खड़ा हो रहा है वहां. ऐसी भूमि में प्यासे को पानी नकारना यह एक तरह से जहर ही है. मंदिर में बच्चे को पानी नकारा व उसे मारा-पीटा, उस समय मंदिर का पुजारी यह सब देख रहा होगा तो उसने धर्म से द्रोह ही किया है.'


शिवसेना ने सवाल पूछते हुए कहा, 'एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान को कोविड वैक्सीन की लाखों डोज मुफ्त में उपलब्ध कराने की मानवता दिखा रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके विचारों से प्रभावित हुए लोग मुसलमान बच्चे को मंदिर में पानी नकारते हैं. यह राम राज्य नहीं है. देश की संस्कृति तो बिल्कुल भी नहीं है, परंतु कहे कौन?'


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