बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य की बीजेपी सरकार हाल ही में बेंगलुरु में हुई हिंसा का फायदा उठाने में दिलचस्पी ले रही है और बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए भी कोई राहत भरे कदम नहीं उठाए गए. सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक के संबंधी की सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भड़की हिंसा की न्यायिक जांच कराने की भी मांग करते हुए कहा कि यह घटना खुफिया तंत्र की नाकामी को दर्शाती है.


सिद्धारमैया ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से कहा कि वह अपने मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत कार्य शुरू करने का निर्देश दें. उन्होंने ट्वीट किया, 'पूरा राज्य बाढ़ और इसके कुप्रबंध की मार झेल रहा है, लेकिन कर्नाटक बीजेपी केवल बेंगलुरु हिंसा का राजनीतिक लाभ लेने में दिलचस्पी ले रही है.'


फेसबुक पर पोस्ट के 3 घंटे में तेजी से दंगे भड़के
बेंगलुरु में हाल ही में हुए दंगे सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट डालने के बाद 3 घंटे से भी कम समय में तेजी से भड़क गए थे. केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कुलदीप जैन ने बताया, "नवीन ने अपमानजनक संदेश शाम 6 बजे के आसपास पोस्ट किया था और रात 9 बजे तक दंगे भड़क उठे."


सरकारी तंत्र पहले से ही कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा था और अचानक भड़के दंगे और ज्यादा परेशानी का सबब बन गए. पुलिकेशीनगर के कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे पी. नवीन के सोशल मीडिया पर अपमानजनक संदेश पोस्ट करने के बाद सैकड़ों लोग सड़क पर उतर पड़े और दंगे भड़क उठे. भीड़ ने पथराव किया, 60 पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया और डीजे हल्ली केजी हल्ली, पुलिकेहसीनगर और कवल ब्यारसांद्र इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी की वारदातों को अंजाम दिया.


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