CWC की बैठक से पहले कैसा है कांग्रेस का हाल, पार्टी नेताओं का सोनिया-राहुल को लेकर क्या है कहना
कांग्रेस पार्टी नेतृत्व के मुद्दे पर खेमे में बंटी नजर आ रही है. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले पार्टी के भीतर बहस इस बात पर है कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा.
नई दिल्ली: कांग्रेस के सीनियर नेताओं का पत्र सामने आने के बाद पार्टी का हाल बंटे घर जैसा हो गया है. कांग्रेस में इस बात को लेकर राय बंटी हुई है कि सोनिया गांधी की जगह कौन लेगा और सीडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले अटकलें तेज हो गई हैं. जबकि कुछ कांग्रेस नेताओं ने, जिन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, उन्होंने कहा कि वे इसमें लिखी सभी बातों के साथ नहीं हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है, जिस पर विचार किया जाना चाहिए.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को होने वाली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी के अन्य नेताओं से नया अध्यक्ष चुनने की बात कह दी है. जहां कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले पार्टी के भीतर बहस इस बात पर है कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा, यह सवाल अभी भी बड़ा है, क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, "चुनाव के लिए जोर नहीं देना चाहिए और इस मुद्दे पर आम सहमति को एक मौका देना चाहिए."
"गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की कल्पना नहीं कर सकता" मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह का कहा कहना है कि पार्टी का अध्यक्ष गांधी परिवार से ही कोई व्यक्ति होना चाहिए, गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की कल्पना नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा, "यह समय कांग्रेस को एक मत होने का है. जिस परिवार ने देश की आजादी और उसके बाद जो देश के लिए त्याग और बलिदान किया है वह सर्व विदित है. नेहरू गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता."
उन्होंने आगे कहा, "सोनिया जी का नेतृत्व सर्व मान्य है. यदि सोनिया कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना ही चाहती हैं तो राहुल जी को अपनी जिद छोड़कर अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लेना चाहिए. देश का आम कांग्रेस कार्यकर्ता और किसी को स्वीकार नहीं करेगा."
"सोनिया-राहुल कांग्रेस कार्यकर्ताओं और देशवासियों के लिए एकमात्र उम्मीद" हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने रविवार को कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ देशवासियों के लिए 'एकमात्र उम्मीद की किरण हैं.' कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया को पत्र लिखकर सामूहिक नेतृत्व और संगठन के विभिन्न निकायों को नए सिरे से गठित करने की मांग करने वाले 20 नेताओं पर निशाना साधते हुए शैलजा ने कहा, "कांग्रेस के कुछ लोग जिन्होंने सत्ता का आनंद लिया और जिनकी हैसियत पार्टी की वजह से है, आज हमारे नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं."
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी को पार्टी प्रमुख बनाए रखने के पक्ष में महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्य जारी रखना चाहिए. प्रस्ताव में कहा गया कि अगर वह ऐसा करने से इंकार करती हैं तो राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभाल लेना चाहिए.
प्रस्ताव में कहा गया, 'महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सर्वसम्मति से यहां यह संकल्प लिया कि सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्य जारी रखना चाहिए क्योंकि उनके नेतृत्व में ही हमारी पार्टी सत्ता में आई थी.' इसके मुताबिक, 'उन्होंने पार्टी के पुनर्निर्माण के लिए कई बलिदान दिए हैं और अब भी पार्टी से संबंधित सभी निर्णयों में सक्रिय हैं.'
वहीं भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के नेतृत्व में संगठन ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कोई बदलाव किया जाता है तो राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान सौंपी जाए.
वरिष्ठ नेताओं के पत्र से कांग्रेस में उठा सियासी बवंडर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में सामूहिक नेतृत्व की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलना चाहिए जो जमीन पर सक्रिय हो और कांग्रेस मुख्यालय व प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के मुख्यालय में भी उपलब्ध हो.
नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी दो खेमे में बंटी नजर आ रही है. अमरिंदर सिंह, गहलोत, बघेल लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और अश्विनी कुमार ने सोनिया गांधी-राहुल गांधी का पुरजोर समर्थन किया है. दूसरी तरफ, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी, शशि थरूर और हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा विरोधी खेमे में नजर आ रहे हैं.
चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने दे दिया था इस्तीफा सोनिया गांधी ने पिछले साल अगस्त में अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पार्टी की कमान संभाली थी. उस समय राहुल गांधी ने आम चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद इस्तीफा दे दिया था. राहुल ने चुनाव में हार के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दोषी ठहराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वे केवल अपने परिजनों के लिए काम कर रहे हैं और पार्टी में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. राहुल ने यह भी संकेत दिया था कि वह निकट भविष्य में इस पद पर नहीं लौटेंगे.
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