नई दिल्ली: कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा मौजूदा मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किए जाने के बाद निलंबित आठ सांसदों ने संसद भवन परिसर में अपना धरना खत्म कर दिया. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और निलंबित सांसदों में शामिल राजीव सातव ने कहा, ‘‘विपक्ष इस सत्र में उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा. ऐसे में हमने धरना खत्म कर दिया है. अब हम सड़क पर आंदोलन करेंगे.’’


इससे पहले, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक उच्च सदन के आठ सदस्यों का, मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करेगा.


उप सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से 13 बार अपील की थी
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि कृषि संबंधी दो विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान मत विभाजन की सदस्यों की मांग पर गौर नहीं किया गया. सभापति नायडू ने कहा कि रविवार को कृषि संबंधी विधेयकों पर विपक्ष के हंगामे के दौरान उप सभापति हरिवंश ने 13 बार सदस्यों से अपनी सीट पर जाने और चर्चा में भाग लेने की अपील की थी.


उन्होंने कहा कि कार्यवाही के रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि उप सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार बार कहा कि वे अपने स्थान पर जाएं और उसके बाद वह मत विभाजन की अनुमति देंगे. वह हंगामा करने वाले सदस्यों के निलंबन से खुश नहीं हैं, लेकिन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई उनके आचरण को लेकर हुई है. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब सदन में सदस्य निलंबित किए गए हैं. विगत में ऐसे कई उदाहरण हैं.


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