कोलकाता: ममता बनर्जी पर कथित हमले की शिकायत करने के लिए टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल आज चुनाव आयोग के पास पहुंचा. यहां तृणमूल के नेताओं ने चुनाव आयोग से ममता पर हमले की शिकायत की. ममता बनर्जी के बाएं पैर में चोट लगने के बाद कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. जहां उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई गई है.


TMC ने अपने लेटर में लिखा कि 'ममता बनर्जी हमारी पार्टी की अध्यक्ष हैं और भारत में एकमात्र महिला सीएम हैं. जब भारत के चुनाव आयोग ने चुनाव कराने के नाम पर राज्य में कानून व्यवस्था संभाली, तो पूरे शासन ढांचे को नियुक्त किया, बिना किसी परामर्श के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटा दिया गया. फिर बीजेपी के इशारे पर पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से सीएम और एक उम्मीदवार जिसे जेड प्लस मिली है उसे धमकी दी जाती है.'


"डीजीपी हटने के 24 घंटे के भीतर हमला"
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल द्वारा शिकायत के अनुसार, 'तत्कालीन डीजीपी को हटाने के 24 घंटों के भीतर नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हमला किया गया. वह चुनावी अभियान की राह पर थी और दोपहर में उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया था. हमले के समय, न तो पुलिस अधीक्षक और न ही स्थानीय पुलिस, उन्हें सुरक्षा कवच देने के लिए मौजूद थे. भले ही उन्हें जेड प्लस सिक्युरिटी मिली हो. लेकिन निजी सुरक्षा अधिकारी ही उनके साथ थे.'


टीएमसी ने जांच की मांग की
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने जल्द से जल्द इस मामले में जांच की मांग की है. चुनाव आयोग को दिए गए पत्र में लिखा है कि 'चुनावों की घोषणा के बाद, राज्य की कानून-व्यवस्था ECI की जिम्मेदारी बन जाती है. CM की सुरक्षा के लिए ECI पूरी तरह से जिम्मेदार है. वरिष्ठतम पुलिस अधिकारियों को बड़े विवेक और आपसी परामर्श के साथ चुना जाना चाहिए. ADG (लॉ एंड ऑर्डर) भी कुछ दिनों पहले ECI द्वारा अचानक बदल दिए गए. पुलिस प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर जानबूझकर तबादलों और बीजेपी के इशारे पर राज्य प्रशासन पर गंभीर अस्थिर प्रभाव पड़ रहा है. ऐसा प्रतीत होता है कि तत्कालीन डीजीपी के खिलाफ बीजेपी द्वारा की गई शिकायतों के बीच सांठगांठ है. ECI ने एकतरफा तरीके से DGP, SP और जिला पुलिस को हटा दिया. ममता बनर्जी पर हुए हमले के समय वह अनुपस्थित रहे.'


पत्र में आगे लिखा है, 'हमला हमारे चेयरपर्सन की जान लेने की एक गहरी जड़ है. हम उसी में तत्काल जांच का आह्वान करते हैं. हालांकि हमारे माननीय चेयरपर्सन अभी भी कोलकाता में सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल में अनुभवी डॉक्टरों के इलाज के अधीन हैं. हमारे पास ऐसे इनपुट हैं जो संकेत देते हैं कि बीजेपी द्वारा नंदीग्राम में विभिन्न पड़ोसी राज्यों से असामाजिक तत्व जुटाए गए हैं. यह जोड़ना उचित होगा कि यह बंगाल की एक सशक्त महिला पर हमला है, जिसने अपने जीवन को अपने भलाई के लिए बिना सोचे समझे समर्पित कर दिया है.'


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