Tripura Civic Polls: त्रिपुरा हिंसा को लेकर भाजपा विधायक का ट्वीट चर्चा में है. 24 नवंबर को भाजपा विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने ट्वीट में सीपीआई (एम) पर निशाना साधते हुए कहा कि सीपीआई (एम) के शासन के दौरान, राजनीतिक हिंसा लोकतांत्रिक खतरे में बदल गई है. टीएमसी उम्मीदवारों के खिलाफ अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि मतदान का प्रयोग करें और गुंडों का सामना करें.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि त्रिपुरा पुलिस के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चत करें कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक प्रचार के लिए कानून के अनुसार अपने अधिकारों का प्रयोग करने से रोका न जाए. माना जा रहा है कि 25 नवंबर को होने वाले नगर निगम चुनाव को देखते हुए यह ट्वीट किया गया है.
इससे पहले बर्मन राज्य के डीजीपी वीएस यादव को पत्र लिखकर पुलिस पर सवाल उठाए हैं. उनका बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्य के विभिन्न हिस्सों से बीजेपी और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं पर नेताओं पर कथित हमले की खबरें आ रही हैं. बर्मन ने पत्र में आरोप लगाया कि राज्य में बदमाशों और अपराधियों का दबदबा है. खुलेआम कानून को हाथ में लिया जा रहा है. उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि राज्य में आतंक और भय व्याप्त है.
इसके साथ ही उन्होंने एक वॉर्ड के उम्मीदवार का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया है कि उम्मीदवार खुले तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं को मतदान के लिए नहीं आने की धमकी दे रहा है और आने पर उन्हें परिणाम भुगतने के लिए कह रहा है. उन्होंने 12 नवंबर को लिखे पत्र में 8 वॉर्डों को कमजोर और अतिसंवेदनशील घोषित करने का आग्रह किया था. बर्मन का आरोप है कि उन्हें भाटी अभयनगर, बिटरबन, मुल्ला पारा, दासपारा, ऋषि कॉलोनी में विभिन्न वर्गों के लोगों से धमकियों की शिकायतें मिली हैं. उन्होंने राज्य के पुलिस प्रमुख से मांग की है कि जरूरी कदम उठाए जाएं, ताकि लोग भयमुक्त होकर मतदान कर सकें.
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