प्रधानमंत्री बने तो क्या करेंगे ? राहुल गांधी ने दिया यह जवाब
पूर्व अमरीकी राजनयिक निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत के दौरान राहुल ने रोजगार आधारित नीतियों पर जोर देने की बात कही. राहुल ने कहा, देश में वर्तमान में रोजगार के बेहद काम अवसर पैदा हो रहे हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि, अगर वो देश के प्रधानमंत्री होते तो देश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करना उनका मुख्य लक्ष्य होता. हार्वर्ड केनेडी स्कूल के एंबेसडर और पूर्व अमरीकी राजनयिक निकोलस बर्न्स के साथ एक ऑनलाइन वार्ता के दौरान उन्होंने विकास केंद्रित नीतियों से हटकर रोजगार पर आधारित नीतियों पर जोर देने की बात कही.
राहुल ने कहा, "मैं विकास केंद्रित नीतियों से हटकर रोजगार पर आधारित नीतियों पर जोर देता. हमें हर श्रेत्र में विकास की भी जरुरत है लेकिन उत्पादन और रोजगार के नए अवसर पैदा करना हमारा मुख्य लक्ष्य होता."
रोजगार देने के मामले में चीन हम से बहुत आगे
वार्ता के दौरान निकोलस बर्न्स ने राहुल से सवाल किया कि, यदि वो देश के प्रधानमंत्री होते तो किन नीतियों पर जोर देते. इसके जवाब में राहुल ने कहा, "यदि हम वर्तमान की बात करें तो देश के विकास के साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा होने चाहिए, नयी संभावनाएं जुड़ने के साथ साथ उत्पादन भी बढ़ना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है."
उन्होंने कहा, "चीन इस मामले में बेहद आगे है. मैं आज तक चीन के ऐसे किसी भी नेता से नहीं मिला हूं जिसने मुझसे कहा हो कि, 'हमें रोजगार के नए अवसर पैदा करने में परेशानी हो रही है." राहुल ने कहा, "हमारी आर्थिक विकास दर यदि 9 प्रतिशत भी हो लेकिन हमें इस के साथ साथ रोजगार की संख्या में इजाफा करने की भी जरुरत है. यदि हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो मुझे इस आर्थिक विकास दर की संख्या से कोई फर्क नहीं पढ़ता."
देश के संस्थानों पर भाजपा का कब्जा
राहुल गांधी ने साथ ही कहा कि भाजपा घुसपैठ कर इस देश की संस्थाओं पर कब्जा कर रही है. बीजेपी के पास मीडिया के साथ साथ अन्य संस्थाओं पर भी पूरा नियंत्रण है. सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीएसपी, एसपी, एनसीपी भी चुनाव नहीं जीत रही हैं. राहुल गांधी गांधी ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मुझे संस्थागत संरचनाओं की आवश्यकता है, मुझे एक न्यायिक प्रणाली की आवश्यकता है जो मेरी रक्षा करती है. मुझे एक मीडिया की आवश्यकता है जो स्वतंत्र हो.
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