क्यों बिहार चुनाव के नतीजे देर से आएंगे? 3 करोड़ वोटों की गिनती अभी बाकी, चुनाव आयोग ने बताई वजह
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि तीन चरणों में हुए चुनाव में करीब 4.16 करोड़ वोट पड़े थे, जिनमें से दोपहर डेढ़ बजे तक एक करोड़ से अधिक मतों की गिनती हो गई थी.
नई दिल्लीः बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना मंगलवाऱ शाम तक जारी है. हालांकि अभी भी करीब 3 करोड़ वोटों की गिनती होनी बाकी है. ऐसे में यह साफ नहीं हो सका है कि इस बार राज्य की सत्ता पर कौन काबिज हो पाएगा. चुनाव आयोग की मानें तो इस बार मतगणना में सामान्य से ज्यादा समय लगेगा और यह देर रात तक चलेगी. मतगणना में देरी होने की एक प्रमुख वजह है. आयोग की मानें तो शाम 4 बजे तक मतगणना में कोई भी तकनीकी दिक्कत नहीं आई है. फिलहाल मतगणना आसानी से चल रही है.
मतगणना में देरी की ये है प्रमुख वजह
दरअसल कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पालन के लिए आयोग ने 2015 विधासनसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी थी. साल 2015 चुनाव में करीब 65,000 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 1.06 लाख कर दिया गया था. इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भी अधिक इस्तेमाल करनी पड़ीं. साथ ही आयोग ने प्रति बूथ मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,500 से घटाकर 1,000 कर दी थी. इससे मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि हुई. इस बार 63 प्रतिशत अधिक ईवीएम का इस्तेमाल किया गया.
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि तीन चरणों में हुए चुनाव में करीब 4.16 करोड़ वोट पड़े थे, जिनमें से दोपहर डेढ़ बजे तक एक करोड़ से अधिक मतों की गिनती हो गई थी. बिहार में कुल करीब 7.3 करोड़ मतदाताओं में से 57.09 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. उन्होंने बताया कि 2015 के विधानसभा चुनाव में मतगणना 38 स्थलों पर हुई थी, लेकिन इस बार सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए 55 स्थलों पर मतगणना हो रही है. इस बार हर हॉल में मेजों की संख्या 14 से कम करके सात कर दी गई है.