कोलकाता: बंगाल के पूर्व कप्तान और नाइट राइडर्स को आईपीएल का खिताब दिलाने वाले लक्ष्मी रतन शुक्ला ने दो दिन पहले ही ममता सरकार से इस्तीफा दिया है. लक्ष्मी ममता सरकार में खेल मामलों के राज्य मंत्री थे. इस्तीफा देने के बाद लक्ष्मी शुक्ला ने भले ही राजनीति से दूर रहने की बात कही है. लेकिन फिर भी उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
ये अटकलें तब और तेज हो गईं, जब लक्ष्मी ने एक पेटिंग के जरिए सौरव गांगुली को शुक्रिया अदा किया. पेंटिंग शेयर करते हुए लक्ष्मी शुक्ला ने ट्विटर पर लिखा, "एक सच्चा नेता सिर्फ खुद खेलते नही है बल्कि टीम को भी खेलने का मौका देते है."
बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली का बीजेपी से करीबी जगजाहिर है. ऐसे सवाल उठ रहा है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला पेंटिंग के जरिए क्या कोई राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं? क्या अब राजनीति में भी दोनों की पार्टनरशिप देखने को मिलेगी?
आपको बता दें, सौरव गांगुली और लक्ष्मी रतन शुक्ला टीम इंडिया और बंगाल की तरफ से एकसाथ क्रिकेट खेला है. लक्ष्मी बंगाल की रणजी टीम के पूर्व में कप्तान भी रह चुके हैं. शुक्ला आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, सनराइजर्स हैदराबाद, कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए भी खेलें हैं.
बीजेपी ने किया स्वागत
कांग्रेस ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस बिखरती जा रही है और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे रोक पाने में नाकाम हैं. जबकि, माकपा ने बनर्जी से यह बताने को कहा कि राज्य के मंत्री एक के बाद एक, इस्तीफा क्यों दे रहे हैं. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शुक्ला से तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का आग्रह किया.
बीजेपी प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि अगर शुक्ला उनकी पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है. उन्होंने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस की कोई राजनीतिक विचारधारा, दिशा नहीं है. यह माकपा के विरोध में बनी थी और अब इसकी अहमियत खत्म हो गयी है. जमीनी स्तर के लोग जानते हैं कि तृणमूल कांग्रेस के गिने चुने दिन ही रह गए हैं.'
चुनाव से पहले ममता कैबिनेट छोड़ने वाले तीसरे मंत्री
लक्ष्मी रतन शुक्ला के इस्तीफे से इस साल बंगाल में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस को एक और झटका लगा है. मंत्री पद छोड़ने के अलावा शुक्ला ने हावड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस (सदर) का अध्यक्ष पद भी छोड़ दिया है. शुक्ला के इस्तीफा के पहले राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. 294 सदस्यी बंगाल विधानसभा के चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने वाले हैं. मंत्रियों के अलावा तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों ने भी सत्तारूढ़ पार्टी छोड़ दी है जिसमें शीलभद्र दत्ता, बिश्वजीत कुंडू, दीपाली बिश्वास और शुकरा मुंडा शामिल हैं.
शुक्ला ने बनर्जी को पत्र लिखा, 'मैं फिलहाल राजनीति छोड़ रहा हूं. अगर आप मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लेती हैं तो मैं आपका आभारी रहूंगा और मुझे हावड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस (सदर) के अध्यक्ष पद सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दें और मुझे अपने रूचि के क्षेत्र पर ध्यान देने की अनुमति दें. बहरहाल मैं अपना कार्यकाल खत्म होने तक विधायक के तौर पर सेवा देता रहूंगा.'
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