Winter Session Productivity: गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के मामले पर दोनों सदनों में जबर्दश्त हंगामा हुआ. कामकाज के लिहाज से राज्यसभा का ये सत्र पिछले चार सालों में सबसे कम काम करने वाला पांचवां सत्र बना. संसद के शीतकालीन सत्र का आज समापन हो गया. निर्धारित तारीख़ से एक दिन पहले समाप्त हुआ ये सत्र एक बार फिर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव का गवाह बना.


टकराव का असर ये हुआ कि दोनों सदनों के कामकाज में उत्पादकता सामान्य से काफ़ी कम रही. लोकसभा में कामकाज 82 फ़ीसदी हुआ तो राज्यसभा में ये महज 48 फ़ीसदी ही रहा. राज्यसभा में 95 घण्टे के निर्धारित कामकाज में से केवल 45 घण्टे 30 मिनट ही कामकाज हो सका और 49 घण्टे हंगामें की भेंट चढ़ गए.


इसी तरह लोकसभा में निर्धारित 102 घण्टे में से केवल 83 घण्टे का ही कामकाज हो सका.  हालांकि 2 दिसम्बर को लोकसभा की कार्यवाही देर रात तक चली और उत्पादकता 204 फ़ीसदी रही. लगातार पांच दिनों तक सूचीबद्ध रहने के बावजूद महंगाई पर लोकसभा में चर्चा शुरू तक नहीं हो पाई.


 







11 बिल दोनों सदनों से हुए पारित


सत्र के दौरान कुल 13 नए बिल पेश किए गए जिनमें 12 लोकसभा जबकि 1 बिल राज्यसभा में पेश किया गया. कुल 11 बिल ऐसे रहे जो दोनों सदनों से पारित किए गए. पारित होने वाले बिलों में सबसे अहम रहा तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने वाला बिल जिसे सत्र के पहले दिन ही दोनों सदनों से पारित किया गया.


इसके अलावा वोटर कार्ड को आधार नम्बर से जोड़ने समेत कुछ अन्य चुनावी सुधारों से जुड़ा बिल भी दोनों सदनों से पारित हो गया. वहीं विरोध के बावजूद सीबीआई और ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच सालों तक विस्तार देने वाला बिल भी पारित करवा लिया गया. एक अन्य बिल जिसपर आने वाले दिनों में बवाल हुआ तय है वो लड़कियों की शादी की उम्र सीमा 18 साल से 21 साल करने को लेकर है .  बिल को लोकसभा में पेश करने के बाद स्टैंडिंग कमिटी में भेजा गया है.


सबसे ज़्यादा हंगामा गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने और बहस से भागने का आरोप लगाया.