F-16 के लिए पाकिस्तान को अमेरिकी मदद भारत के लिए खतरा, क्या राफेल दे पाएगा टक्कर?
1980 के दशक से ही F-16 फाइटर प्लेन भारत के लिए चिंता की बात रहे हैं. भारत की ओर से हमेशा से ही आशंका जताई गई है कि इनका इस्तेमाल उसके खिलाफ कर सकता है.
बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अचानक से अमेरिका ने 45 करोड़ डॉलर मदद का ऐलान कर दिया है. पाकिस्तान को यह रुपया अमेरिका से इसलिए मिले हैं ताकि वह फाइटर प्लेन एफ-16 के बेड़े का रखरखाव कर सके.
कागजों में अमेरिका ने इन फाइटर प्लेनों को इसलिए दिए हैं ताकि पाकिस्तान इलाके में आतंकवाद के खिलाफ इनका इस्तेमाल कर सके. लेकिन ऑपरेशन बालाकोट के बाद हताश पाकिस्तान ने इसको भारतीय वायुसेना के सामने उतार दिया था. हालांकि इंडियन एयरफोर्स ने मिराज विमानों से ही पाकिस्तान को पीछे धकेल दिया था.
पीटीआई भाषा के मुताबिक पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान को दी जा रही यह सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता है. लेकिन खास बात यह है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटकर यह मदद दी है.
ट्रंप प्रशासन ने 2018 में आतंकवादी सगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर उसे दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता निलंबित कर दी थी.
अमेरिकी संसद को दी एक अधिसूचना में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) को मंजूरी देने का निर्णय लिया है.
मंत्रालय ने दलील दी कि इससे इस्लामाबाद को वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिलेगी.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है, 'पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान वृहद द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है. इससे पाकिस्तान अपने एफ-16 बेड़े को बनाए रखते हुए वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपटने में सक्षम होगा. एफ-16 बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान में सहयोग मिलेगा और हम पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं.'
भारत के लिहाज से कितना अहम
अमेरिका की ओर से दी जा रही इस मदद पर भारत की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. ये अमेरिका की ओर से यह ऐलान उस समय किया गया है जब भारत के विदेश और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ अमेरिका से आए उच्चाधिकारियों की एक अहम बैठक दिल्ली में हो रही थी. अभी तक ये भी साफ नहीं हो पाया है कि इस बैठक में क्या अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को दी जा रही मदद के बारे में जानकारी दी गई थी या नहीं.
एफ-16 है भारत के लिए खतरा
एफ-16 अमेरिका का एक एडवांस तकनीक वाला फाइटर प्लेन है. पाकिस्तान को अमेरिका ये प्लेन 1980 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के समय मिले थे. उस समय भी भारत सरकार ने इस पर तगड़ी आपत्ति जताई थी. भारत की ओर से कहा गया था कि पाकिस्तान इनका इस्तेमाल उसके खिलाफ कर सकता है.
भारत को आशंका थी कि पाकिस्तान ने फाइटर प्लेनों में रहस्यमयी तरीके से हासिल किए गए परमाणु हथियारों से लैस करेगा. लेकिन इसके बाद रीगन प्रशासन ने पाकिस्तान को मुहैया करा दिए.
1990 में इन 30 एफ-16 विमानों की डिलेवरी अमेरिका ने रोक दी गई. इसके बाद 1998 में भारत और पाकिस्तान दोनों ने परमाणु बमों का परीक्षण कर डाला. भारत ने उस समय भी पाकिस्तानी वायुसेना के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आशंका जताई थी.
अमेरिका की दोगली नीति
अमेरिका हमेशा से ही पाकिस्तान को लुभाने के लिए एयरक्राफ्ट का सहारा लेता आया है. दूसरी ओर भारत को भी इस बात का आश्वासन देता आया है कि वो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके साथ है.
2001 में न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद भी अमेरिका ने 3 बिलियन डॉलर एफ-16 फाइटर प्लेनों की मरम्मत के लिए दिए थे.
इतना ही नहीं पाकिस्तानी आतंकवादियों की ओर से अमेरिकी नागरिकों के निशाना बनाने की घटनाओं के बाद भी पाकिस्तान को मदद दी जाती रही.
इसी तरह साल 2015 में ओबामा प्रशासन की ओर से भी तालिबानियों से समझौते के एवज में पाकिस्तान को एफ-16 विमान दिए गए. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के बाहर निकालने के लिए तालिबान से उस समय बातचीत की गई थी.
मिली जानकारी के मुताबिक बाइडेन प्रशासन की ओर से दी गई इस मदद के जरिए पाकिस्तान एफ-16 विमानों में एडवांस तकनीक और नए हथियार लगाएगा.
राफेल vs एफ-16
बात करें एफ-16 विमानों की खासियत की तो चौथी पीढ़ी का फाइटर प्लेन है. इसका इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है और इसे सबसे सफल फाइटर प्लेन माना जाता है. ये एक सिंगल इंजन फाइटर प्लेन है. यह 2400 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ता है. इस फाइटर प्लेन को 9 मिसाइलों और अन्य हथियारों से लैस किया जा सकता है. इसमें 20एमएम वाली रोटरी कैनन को भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा हवा से जमीन और एंटी शिप मिसाइलों से भी लैस किया जा सकता है. और इससे प्लेन से काफी दूर तक निशाना साधा जा सकता है.
बात करें राफेल की तो ये 4.5 जेनेरेशन का फाइटर प्लेन है. यह 2222 किमी/घंटा से उड़ान भर सकता है. फाइटर प्लेन का इस्तेमाल मल्टीपरपज है. इसमें 14 फायर पावर लोकेशन हैं. और इससे 9.5 टन का वजन ढोया जा सकता है. इस फाइटर प्लेन को हवा से हवा, परमाणु मिसाइलें, हवा से जमीन, एंटी शिप मिसाइल, बम से लैस किया जा सकता है. राफेल में 30एमएम वाली ट्विनपॉड वाली कैनन को दोनों दरवाजों में भी फिट किया जा सकता है. इस फाइटर प्लेन से 1 मिनट में 25 हजार राउंड फायर किया जा सकता है. तुलना के लिहाज से देखें तो राफेल एफ-16 के मुकाबले काफी बेहतर है. लेकिन भारत को अभी फ्रांस से इसकी कई खेप मांगनी हैं.