Congress News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. बेरोजगारी हो या कोरोना, वैक्सीन हो या बेड की कमी, चीन हो या फिर राफेल राहुल किसी मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरना नहीं चूकते. एक बार फिर राहुल ने ट्वीट कर मोदी सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, चलता जा रहा है भाजपा सरकार का जन उत्पीड़न अभियान, अब चलेगा कांग्रेस का जनजागरण अभियान. अन्याय का जवाब लेकर रहेंगे. 


उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी सरकार को घेरा. उन्होंने उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक युवक अल्ताफ (22) अन्य लोगों की की मौत को लेकर यूपी सरकार को घेरा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं. उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है. भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है. 










राफेल डील को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में तनातनी


राफेल डील में कथित घूसखोरी को लेकर विपक्ष के हल्ला मचाने के बीच नई रिपोर्ट के सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने INC का मतलब I Need Commission बताया और कहा कि राहुल गांधी को अवश्य इस पर जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि साल 2013 से पहले इस डील के लिए 65 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि किसकी सरकार में डील हुई यह पता चल गया है. 2007 और 2012 के बीच जो राफेल डील की गई थी उसमें यह घूस दी गई थी.


वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए ऑपरेशन कवर अप चल रहा है. पिछले 5 सालों में जो आरोप है वो देश की सत्ता में बैठे उच्चतम लोगों तक जा रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 4 अक्टूबर 2018 को बीजेपी के पूर्व मंत्री और एक वरिष्ठ वकील ने तत्कालीन CBI के निदेशक को दस्तावेज सौंपे. 11 अक्टूबर 2018 को मॉरिशस सरकार ने भी CBI को दस्तावेज सौंपे. उसके बाद कोई जांच शुरू नहीं होती है और आधी रात को आलोक वर्मा को हटा दिया जाता है और अपने चहेते नागेश्वर राव को बना दिया जाता है. 36 महीनों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? ये कोई 60-65 करोड़ घोटाले का मामला नहीं है ये सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है. 


कांग्रेस- यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टेंडर के बाद 526.10 करोड़ रुपये में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित एक राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए बातचीत की थी. मोदी सरकार ने वही राफेल लड़ाकू विमान (बिना किसी निविदा के) 1670 करोड़ में खरीदा और भारत को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बिना 36 जेट की लागत में अंतर लगभग 41,205 करोड़ है. कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार जवाब देगी कि हम भारत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बिना उन्हीं 36 विमानों के लिए 41,205 करोड़ अतिरिक्त क्यों दे रहे हैं? किसने पैसा कमाया और कितनी रिश्वत दी? जब 126 विमानों का लाइव अंतरराष्ट्रीय टेंडर था तो पीएम एकतरफा 36 विमान 'ऑफ द शेल्फ' कैसे खरीद सकते थे?


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