Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा बांटने ,कुचलने और दबाने का काम करती है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने नोटबंदी की हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है. किसानों के लिए काले कानून लाए भारते के सब किसान एक साथ आए कानून को वापस लेना पड़ा. 


राहुल बोलें- हमने आदिवासियों के हितों की रक्षा की


कांग्रेस चिंतन शिविर में जनता के बीच जाने और आउटरीच कार्यक्रम करने का फैसला हुआ है. इसके तहत सभाओं के अलावा यात्राएं करने का भी कार्यक्रम है. राहुल गांधी ने सोमवार को बेणेश्वर धाम हाई लेवल ब्रिज का शिलान्यास किया. जिसके बाद उन्हें वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा, कांग्रेस का आदिवासियों से पुराना नाता है. कांग्रेस आदिवासियों को उनका हक दिलाने के लिए हमारी जंगल और जमीन संबंधी कानून लेकर आई थी. राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें भूमि अधिग्रहण विधेयक के माध्यम से जंगलों में आदिवासियों की संपत्ति और उनकी उपज की रक्षा की जिसका उन्हें लाभ मिला.


राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि, ये दो विचारधाराओं की लड़ाई है. एक तरफ कांग्रेस की विचारधारा है जो कहती है कि हमें सभी को एक साथ लाकर आगे बढ़ना है, सभी का सम्मान करना है और सभी के इतिहास और संस्कृति की रक्षा करना है। दूसरी तरफ बीजेपी है जो आदिवासियों के इतिहास और संस्कृति को बांटती और मिटाती है.
राहुल गांधी ने बीजेपी पर देश को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक लड़ाई है जो आज भारत में चल रही है. हम लोगों को जोड़ते हैं, वे लोगों को बांटते हैं. हम कमजोरों की मदद करते हैं, वे चुने हुए बड़े उद्योगपतियों की मदद करते हैं.






बीजेपी ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया


राहुल यही नहीं रुके उन्होंने देश के आर्थिक नुकसान के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था पर हमला किया है. पीएम ने नोटबंदी और गलत जीएसटी लागू किया. इसने हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया. पहले यूपीए ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया, बीजेपी और पीएम मोदी ने इसे नुकसान पहुंचाया. आज स्थिति ऐसी है कि देश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है.


बीजेपी दो भारत बनाना चाहती है- एक अमीरों के लिए, 2-3 बड़े उद्योगपतियों के लिए और दूसरा गरीबों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़े और कमजोरों के लिए. हमें दो भारत नहीं चाहिए, हम एक ऐसा भारत चाहते हैं जहां सभी को अपने सपनों को पूरा करने का अवसर मिले.