कोटा: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा उन मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है जो काम की तलाश में अपने घरों से निकल जाते हैं. ऐसे परिवार जहां काम मिले वहीं गुजर-बसर कर लेते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. राजस्थान के कोटा में एैसे ही दो परिवार फंसे हुए हैं.

लॉकडाउन की घोषणा के बाद कई शहरों में रहने वाले बहुत से मजदूर मजबूरी में पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए. बस और ट्रेनें बंद हो जाने से रास्ते में ही फंस गए. दोनों परिवार सड़क किनारे रहने को मजबूर हो गए.इनके साथ छोटे-छोटे बच्चे हैं.

लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे जावेद की कहानी कुछ ऐसी है वह अपनी पत्नी रेशमा और 5 साल की बच्ची शबाना के साथ अजमेर से भोपाल जाने के लिए रवाना हुए थे. ट्रेन से कोटा तक तो पहुंच गए लेकिन आगे जाने के लिए कोई साधन ही नहीं था, तब से यह परिवार सड़क पर ही रह रहा है. जावेद अजमेर में छोटे-मोटे काम करता था लेकिन लॉकडाउन के बाद खाने पीने के लाले पड़ गए.

जितेंद्र भी अजमेर से भोपाल के लिए रवाना हुए थे और अपने परिवार के साथ कोटा में ही फंस गए. जब हमने जितेंद्र से बात की तो उन्होंने बताया की अजमेर में वे रिक्शा चला कर अपने परिवार का पेट पाल रहे थे लॉकडाउन की घोषणा हुई तो 21 मार्च को अफरा-तफरी में पत्नी रानी और 15 माह की बच्ची के साथ भोपाल के लिए निकले. सीधी ट्रेन नहीं मिली तो कोटा की गाड़ी पकड़ ली आधी रात को कोटा पहुंचे तो पता चला कि भोपाल के लिए कोई भी ट्रेन नहीं है. ऐसे में इस परिवार के सामने भारी संकट खड़ा हो गया.

ये खबर लोकसभा स्पीकर कार्यालय तक पहुंची जिसके बाद लोक सभा स्पीकर के निर्देश पर कार्यकर्ताओं को इन दोनों परिवारों की मदद के लिए भेजा और साथ ही इनके रहने खाने और सेनेटाइज़ करवाने की भी व्यवस्था करवा दी गई.

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