अलविदा गजोधर भैया: 'भाभी खुलकर हंस नहीं रही...', अब कौन सुनाएगा शादी के वो किस्से, शोले की बातें
राजू श्रीवास्तव ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन के साथ ही कॉमेडी की दुनिया का वो सितारा चला गया जिसके सुनाए किस्सों में आम इंसान होता था.
वो नेताओं और फिल्मी सितारों से सजी एक शाम थी... चमक-दमक से भरपूर और अंग्रेजी बोलने वाले लोग बैठे थे. सामने एक हैरान करने देने वाली लाइटिंग से सजा मंच था...और उससे एक आदमी मध्य यूपी और अवधी मिक्स हिंदी बोलकर वहां आए लोगों पर कमेंट कर रहा था..उसकी हर लाइन में पंच था...व्यंग्य था..कोई बुरा भी नहीं मान रहा था...सफेद कुर्ता पैजामा और गले में गमछा डाले इस शख्स ने महफिल लूट ली थी... नाम था राजू श्रीवास्तव उर्फ गजोधर भैया..
इस शख्स ने कॉमेडी की वो विधा पकड़ी थी जिसमें आम हो या खास हर शख्स जुड़ाव महसूस करता था...इसी मंच पर राजू श्रीवास्तव खुद को गजोधर भैया कहते हैं...वो व्यंग्य कसते हैं...'पहले हमारे घरों में कलेंडर होते हैं जिसमें महीने के नाम के साथ-साथ किसी में भगवान गणेश, तो किसी में शिव जी...तो किसी में विष्णु जी होते हैं....लेकिन अब हम लोग हाई सोसायिटी में आ गए हैं...अब हमारे यहां कलेंडर आते हैं...जिसमें जनवरी के महीने एक लड़की पोल पकड़े दिखाई देती...इसके बाद वो जिस तरह से पूरा डिस्क्रप्शन देते हैं...लोगों के ठहाके बाहर तक सुनाई देते हैं.
राजू श्रीवास्तव कॉमेडी मंचों पर अक्सर शादी के किस्सों का जरूर जिक्र करते थे....जो काफी मशहूर में हुए...वो सुनाते हैं...एक बार विदाई के समय सास अपने दामाद से कहती है कि बेटा हमारी बेटी एकदम गाय है गाय...(कहने का मतलब बहुत सीधी)....इस पर दूल्हा अपने छोटे भाई से बोलता है कि जाओ देखकर आओ कहीं सही में तो गाय नहीं है....इसके बाद जब वह लड़का लौटकर आता है जिस तरह राजू श्रीवास्तव उस बच्चे की एक्टिंग करके बताते हैं तो वो अपने आप में हैरान कर देने वाला है.
आम तौर पर छोटे बच्चे जो छोटे कस्बों और गांवों के होते हैं उनके हाव-भाव को राजू श्रीवास्तव ने उस जगह बखूबी पकड़ लिया था.
राजू श्रीवास्तव को अमिताभ बच्चन की मिमिक्री के लिए मशहूर हुए थे. उनको ये चस्का शोले पिक्चर देखने के बाद लगा था. कॉमेडी मंचों में उन्होंने शोले पिक्चर की सीन्स को अपने ही अंदाज में पेश किया.
शोले के एक सीन का जिक्र करते हुए गजोधर उर्फ राजू श्रीवास्तव कहते हैं 'शोले पिक्चर देखने गए थे...बसंती तांगे में बैठकर भाग रही थी..घोड़े उसको दौड़ा रहे थे...हमने चाचा से कहा कि भागों कहीं घोड़ा हमारी कुर्सी तक न आ जाएं...हमारे चाचा कहते हैं कि बैठो राजू ये सिनेमा है....हमने कहा चाचा हमको पता है सिनेमा है...आपको पता है सिनेमा है...घोड़ा को थोड़े ही पता सिनेमा है....
ऐसे ही कई किस्से राजू श्रीवास्तव ने आम इंसान की नब्ज को पकड़ते हुए गढ़े थे...जिनको उन लोगों के बीच सुनाते जिनका इनसे कोई वास्ता नहीं था...फिर भी सुनने वालों को हंसते-हंसते पेट में दर्द शुरू हो जाता.
मंच पर राजू श्रीवास्तव आते ही वहां सामने बैठे हजारों लोगों से आसानी से कनेक्ट हो जाते थे. दर्शकों को ऐसा लगता कि राजू उन्हीं की जिंदगी का किस्सा सुना रहे हैं. एक मंच पर राजू श्रीवास्तव कहते हैं 'भाभी खुलकर नहीं हंस रही हैं...अच्छा ब्यूटीपॉर्लर वाली ने मना किया है'... ये सुनकर वहां मौजूद हर महिला को लगता है वो राजू उन्हीं के बारे में बोल रहे हैं और पूरी जगह ठहाकों से गूंज जाती है.
लेकिन आपको शायद ही पता होगा कि जिनकी मिमिक्री करके राजू श्रीवास्तव ने कॉमेडी के करियर की शुरुआत की थी उन अमिताभ बच्चन की बातें सुनकर राजू श्रीवास्तव भावुक हो गए थे..इस किस्से को उन्होंने खुद शेयर किया था..
दरअसल कौन बनेगा करोड़पति के एक शो में अमिताभ बच्चन राजू श्रीवास्तव की आवाज सुनाकर एक प्रतिभागी से पूछते हैं कि ये किसकी आवाज है. इस बात का जिक्र करते हुए राजू श्रीवास्तव कहते हैं कि वो भाव विह्वल हो गए हैं.
लेकिन 21 सितंबर 2022 की तारीख मनहूस दिन लेकर आई. सबको हंसाने वाले गजोधर भैया अब नहीं रहे...ऐसा सितारा जो आम जन का था.. अलविदा गजोधर भैया...अब कौन सुनाएगा शादी के किस्से, शोले की कहानी.....