एक्सप्लोरर

जयंती विशेष: रामधारी सिंह दिनकर ने कविता को मनोरंजन का साधन नहीं, जागृत करने का ज़रिया बनाया

Ramdhari Singh Dinkar Birthday: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिंदी के उन गिने-चुने कवियों में से हैं जिन्हें राष्ट्रकवि और जनकवि दोनों का दर्जा प्राप्त है. आज ही के दिन ‘दिनकर’ 1908 में पैदा हुए थे.

Ramdhari Singh Dinkar Birthday:  'केवल मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिए, उसमें उचित उपदेश का भी मर्म होना चाहिए', राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की ये पंक्तियां राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है. दिनकर ने कविता को मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि लोगों को जागृत करने का ज़रिया बनाया. राष्ट्रकवि दिनकर का साहित्य में क्या कद है अगर यह जानना हो तो बस दो कालजयी कृति ‘संस्कृति के चार अध्याय’ और ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ पढ़ लीजिए. इससे भी अगर मन न भरे तो रश्मिरथी के पन्ने पलटिए. आप एक ऐसे लेखनी से परिचित होंगे जो सत्ता के साथ रहते हुए भी सत्ता के खिलाफ रही. एक ऐसी लेखनी जिसमें ऐतिहासिक शौर्य का वर्णन बड़े ही ओजस्वी ढंग से की गई है. उनकी तठस्तता ही थी कि उनको सत्ता का विरोध करने के बावजूद साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मविभूषण आदि तमाम बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया.

दिनकर सारी उम्र सियासत से लोहा लेते रहे. उन्होंने कभी किसी राजनेता की जय-जयकार नहीं की. उनके लिए किसी भी नेता से ज्यादा महत्वपूर्ण देश और देश की संस्कृति रही. उनके अंदर देश प्रेम की भावना नदी में बहने वाले पावन जल की तरह था. उन्होंने देश के लिए अपना सबकुछ लुटा देने वाले सैनिकों के लिए लिखा

जला अस्थियां बारी-बारी

चिटकाई जिनमें चिंगारी,

जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर

लिए बिना गर्दन का मोल

कलम, आज उनकी जय बोल

रामधारी सिंह दिनकर ने आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तक पर अपनी कलम चलाई. एक वाकिया ऐसा ही है जब सीढ़ियों से उतरते हुए नेहरू लड़खड़ा गए..तभी दिनकर ने उनको सहारा दिया. इसपर नेहरू ने कहा- शुक्रिया.., दिनकर तुरंत बोले-''जब-जब राजनीति लड़खड़ाएगी, तब-तब साहित्य उसे सहारा देगा.''

दिनकर ने यही तेवर ताउम्र बरकरार रखा. जब देश में आपातकाल लगा और सभी अपनी-अपनी कलम सत्ता के आगे झुका रहे थे, ऐसे वक्त में भी दिनकर ने क्रांतिकारी कविता लिखी

टूट नहीं सकता ज्वाला से, जलतों का अनुराग सखे!

पिला-पिला कर ख़ून हृदय का पाल रहा हूं आग सखे!

इजाजत लेकर लिखने से बेहतर मैं लिखना छोड़ दूं

आजकल बोलने की स्वतंत्रता पर देश में काफी बहस चलती रहती है. ऐसे में दिनकर को याद करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उन्होंने सत्ता के खिलाफ लिखने और निर्भिक होकर बोलने की वकालत की है. उन्होंने आज़ादी के बाद देश की सत्ता से लोहा तो लिया ही लेकिन उससे पहले उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से भी दो-दो हाथ किया था. ऐसा ही एक वाकया उस वक्त का है जब वह अंग्रेजी सरकार की नौकरी कर रहे थे. उस दौरान भी वह ब्रितानियां सरकार के खिलाफ कविता लिखते थे. उनके विरोध के कारण महज चार साल की नौकरी में दिनकर का 22 बार तबादला हुआ. एक बार जब उनको ‘हुंकार’ काव्य संग्रह के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने बुलाया और पूछा कि इसको लिखने से पहले उन्होंने इजाजत क्यों नहीं ली तो दिनकर ने कहा, ''मेरा भविष्य इस नौकरी में नहीं साहित्य में है और इजाजत लेकर लिखने से बेहतर मैं यह समझूंगा कि मैं लिखना छोड़ दूं.''

राष्ट्रकवि भी थे और जनकवि भी

सत्ता के खिलाफ जो कवि होता है वह समाज के साथ होता. दिनकर भी ऐसे ही थे. वह राष्ट्रकवि भी थे और जनकवि भी थे. उन्होंने ऐसे वक्त में जब देश की जनता परेशान थी और सत्ता की तरफ से सताई गई थी, ऐसे वक्त में जो सुविधाभोगी बने रहे उनको दिनकर ने कविता में फटकार लगाई. उन्होंने लिखा

कहता हूं, ओ मखमल-भोगियो श्रवण खोलो

रूक सुनो, विकल यह नाद कहां से आता है

है आग लगी या कहीं लुटेरे लूट रहे?

वह कौन दूर पर गांवों में चिल्लाता है?

महात्मा गांधी पर क्या लिखा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर में एक समानता थी. दोनों के लिए देश किसी भौगोलिक संरचना से कहीं ज्यादा महत्व रखता था. दिनकर के लिए गांधी मानवता की सबसे बड़ी मिसाल थे. दिनकर ने गांधी के लिए कई कविताएं लिखी. वह महात्मा गांधी के विचारों से इतने प्रभावित थे कि 1947 में 'बापू' नामक उनकी काव्य संग्रह छपी जिसमें उन्होंने बापू को समर्पित चार कविताएं लिखीं थीं.

शरीर से बेहद कमजोर एक व्यक्ति अपने अहिंसा के दम पर आजादी की लड़ाई लड़ रहा था. उसकी ताकत को राष्ट्रकवि ने भी पहचाना और लिखा-

तू चला, तो लोग कुछ चौंक पड़े, तूफान उठा या आंधी है

ईसा की बोली रूह, अरे! यह तो बेचारा गांधी है.

दिनकर का मानना था कि गांधी की तरह जीना बिल्कुल आसान नहीं. उन्हें कई तरह से परेशान किया जाता है. उन पर कई तरह के आरोप लगाए जाते हैं लेकिन यह उनके व्यक्तित्व का कमाल है कि वह सत्य के मार्ग से कभी हटे नहीं. उन्होंने महात्मा गांधी के इसी खूबी को बयां करते हुए लिखा-

ली जांच प्रेम ने बहुत, मगर बापू तू सदा खरा उतरा

शूली पर से भी बार-बार, तू नूतन ज्योति भरा उतरा

गांधी की हत्या को लेकर दिनकर का साफ मत था. राष्ट्रपिता के मृत्यु से दुखी कवि बेबाक होकर उनके हत्यारों के बारे में कहता है-

कहने में जीभ सिहरती है

मूर्च्छित हो जाती कलम

हाय, हिन्दू ही था वह हत्यारा

दिनकर बापू से बहुत प्यार करते थे. बापू के मौत के बाद उन्हें आत्मग्लानी हो रही थी. वह स्वयं को उनका हत्यारा मान रहे थे. उनका साफ मानना था कि बापू की हत्या एक 'घृणा की विचारधारा' रखने वाले संगठन ने की है. दुखी मन से दिनकर केवल इतना ही कह पाते हैं-

लौटो, छूने दो एक बार फिर अपना चरण अभयकारी

रोने दो पकड़ वही छाती, जिसमें हमने गोली मारी.

इकबाल, टैगोर, मार्क्स और गांधी सब उनकी लेखनी में मौजूद हैं

दिनकर को लेकर एक बहस हमेशा चलती रहती है कि उनकी लेखनी इकबाल के करीब हैं या टैगोर के. मार्क्स से प्रभावित है या गांधी से, लेकिन जिन्होंने उनकी कविता ‘रोटी और स्वाधीनता’ पढ़ी है, उन्हें मालूम है कि दिनकर के लेखनी में इकबाल भी आते हैं और टैगोर भी. यहां मार्क्स भी हैं और गांधी भी हैं. रोटी और स्वाधिनता की ये पंक्ति पढ़िए आप खुद समझ जाएंगे..

आजादी तो मिल गई, मगर, यह गौरव कहां जुगाएगा ?

मरभुखे ! इसे घबराहट में तू बेच न तो खा जाएगा ?

आजादी रोटी नहीं, मगर, दोनों में कोई वैर नहीं,

पर कहीं भूख बेताब हुई तो आजादी की खैर नहीं

दिनकर वह कवि थे जो सत्ता के करीब रहकर भी कभी जनता से दूर नहीं हुए. उनकी लेखनी हर दौर में प्रासंगिक बनी रही. उन्होंने अपने बारे में कहा था, ''जिस तरह मैं जवानी भर इकबाल और रवींद्र के बीच झटके खाता रहा, उसी प्रकार मैं जीवन भर गांधी और मार्क्स के बीच झटके खाता रहा हूं. इसलिए उजले को लाल से गुणा करने पर जो रंग बनता है, वही रंग मेरी कविता का रंग है. मेरा विश्वास है कि अंततोगत्वा यही रंग भारतवर्ष के व्यक्तित्व का भी होगा.''

यह भी पढ़ें.

दोषी पाए गए अनुराग कश्यप तो सारे संबंध तोड़ देंगी तापसी पन्नू, एक्ट्रेस बोलीं- सच्चाई सामने आने दें

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Maharashtra CM News Live: थोड़ी देर में एकनाथ शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कर सकते हैं बड़ा ऐलान
Live: थोड़ी देर में एकनाथ शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कर सकते हैं बड़ा ऐलान
बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हिंदू समुदाय, कैसे कट्टरपंथियों ने बनाया अल्पसंख्यकों को निशाना, पूरी डिटेल पढ़ें
बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हिंदू समुदाय, कैसे कट्टरपंथियों ने बनाया अल्पसंख्यकों को निशाना, पूरी डिटेल पढ़ें
संभल में किसके कहने पर आई भीड़, किसने उकसाया? इन 7 बड़े सवालों के जवाब तलाशने में जुटी पुलिस
संभल में किसके कहने पर आई भीड़, किसने उकसाया? इन 7 बड़े सवालों के जवाब तलाशने में जुटी पुलिस
संभल में हुई हिंसा पर भड़कीं स्वरा भास्कर, कहा- 'मुसलमान हैं इसलिए मार रहे हैं'
संभल में हुई हिंसा पर भड़कीं स्वरा भास्कर, कहा- 'मुसलमान हैं इसलिए मार रहे हैं'
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal Clash : संभल हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई हुई तेज | UP PoliceSambhal Clash : संभल हिंसा के आरोपी बेटे के विधायक बाप को सुनकर होश उड़ जाएंगे ! | UP PoliceMaharashtra New CM : महाराष्ट्र में नाराज शिंदे को मनाने पहुंचे बीजेपी के 2 बड़े नेता | BJP | NDASambhal Clash : संभल हिंसा को लेकर संसद में राजनीति जारी  | UP Police

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Maharashtra CM News Live: थोड़ी देर में एकनाथ शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कर सकते हैं बड़ा ऐलान
Live: थोड़ी देर में एकनाथ शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कर सकते हैं बड़ा ऐलान
बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हिंदू समुदाय, कैसे कट्टरपंथियों ने बनाया अल्पसंख्यकों को निशाना, पूरी डिटेल पढ़ें
बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हिंदू समुदाय, कैसे कट्टरपंथियों ने बनाया अल्पसंख्यकों को निशाना, पूरी डिटेल पढ़ें
संभल में किसके कहने पर आई भीड़, किसने उकसाया? इन 7 बड़े सवालों के जवाब तलाशने में जुटी पुलिस
संभल में किसके कहने पर आई भीड़, किसने उकसाया? इन 7 बड़े सवालों के जवाब तलाशने में जुटी पुलिस
संभल में हुई हिंसा पर भड़कीं स्वरा भास्कर, कहा- 'मुसलमान हैं इसलिए मार रहे हैं'
संभल में हुई हिंसा पर भड़कीं स्वरा भास्कर, कहा- 'मुसलमान हैं इसलिए मार रहे हैं'
Maharashtra CM News: क्‍या बीजेपी ने शिंदे को सीएम बनाने के लिए किया था वादा? अलग-अलग दावों के बीच क्‍या है सच
Maharashtra CM News: क्‍या बीजेपी ने शिंदे को सीएम बनाने के लिए किया था वादा? अलग-अलग दावों के बीच क्‍या है सच
Watch: हरभजन सिंह ने लाइव शो में वाइफ गीता को किया Kiss, फिर बोले- सिद्धू पाजी अब आप करके दिखाओ...
हरभजन सिंह ने लाइव शो में वाइफ गीता को किया Kiss, फिर बोले- सिद्धू पाजी अब आप करके दिखाओ...
UP Jobs 2024: यूपी में होने जा रही जूनियर असिस्टेंट के हजारों पदों पर भर्ती, जानें कब और कौन कर सकेगा आवेदन
यूपी में होने जा रही जूनियर असिस्टेंट के हजारों पदों पर भर्ती, जानें कब और कौन कर सकेगा आवेदन
IPL 2025: RCB में शामिल होने के बाद फिल साल्ट ने विराट कोहली पर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा
RCB में शामिल होने के बाद फिल साल्ट ने विराट कोहली पर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा
Embed widget