Rampur By Election: रामपुर विधानसभा उपचुनाव के वोटों की गिनती समाप्त हो चुकी है. सपा नेता आजम खान का गढ़ कहे जाने वाले इस क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने 33,702 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने सपा प्रत्याशी आसिम रजा को हराया. उपचुनाव में जहां बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना को 80,964 वोट मिले तो वहीं सपा प्रत्याशी आसिम रजा को सिर्फ 47,262 वोट ही मिले. आजादी के बाद हुए सभी विधानसभा चुनावों में यहां से मुस्लिम प्रत्याशी ही जीत का परचम लहराते आए थे.
सपा नेता आजम खान को हेट स्पीच के एक मामले में सजा होने के बाद उनकी सदस्यता रद्द होने से ये सीट खाली हुई थी. इस सीट पर हालिया दिनों में उपचुनाव कराए गए. रामपुर विधानसभा सीट से आजम खान दस बार जीत कर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने यहां से पहली बार 1980 में जनता पार्टी (सेक्यूलर) के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
आजम खान ने यहां से लगातार लोकदल (1985-89), जनता दल (1989-1991), जनता पार्टी (1991-192) और समाजवादी पार्टी (1993-1995) के झण्डे तले चुनाव जीता. हालांकि 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें अफरोज अली खान से हार का मुंह देखना पड़ा था. 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने वापसी करते हुए सपा के टिकट से दोबारा वापसी की और 2019 में संसदीय चुनाव में जीत तक यहां से विधानसभा सदस्य रहे.
आजादी के बाद कोई गैर मुस्लिम यहां से नहीं बना था विधायक
रामपुर विधानसभा सीट से आजादी के बाद हुए सभी विधानसभा चुनावों में मुस्लिम प्रत्याशियों ने ही बाजी मारी थी. इस सीट पर पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी फज़लउल हक ने जीत दर्ज कर रामपुर की विधानसभा में नुमाइंदगी की. उसके बाद लगातार 20 बार रामपुर सीट पर हुए चुनावों और उपचुनावों में, यहां के मतदाताओं ने अलग-अलग पार्टियों के मुस्लिम प्रत्याशियों पर अपना भरोसा दिखाया.
ऐसा पहली बार है जब यहां की अवाम ने किसी गैर-मुस्लिम प्रत्याशी पर भरोसा दिखाते हुए विधानसभा के लिए चुना है. बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना की जीत से पहले रामपुर सीट से आजम खान ने 10 बार विधानसभा चुनाव जीते. फज़लउल हक के बाद असलम खान (1957-62), किश्वर आरा बेगम (1962-1967), ए. ए. खान (1967-68), सैय्यद मुर्तज़ा अली खान (1969-1974), मंज़ूर अली खान (1974-1977, 1977-1980), अफरोज़ अली खान (1996-2002) और ताजीम फातिमा (2019-202) ने रामपुर के लोगों की विधानसभ में नुमानिंदगी की और अपनी सेवाएं दीं.
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