करीम लाला और इंदिरा गांधी की मुलाकात की असली कहानी!
करीम लाला और इंदिरा गांधी की मुलाकात की असली कहानी के बारे में जानिए सभी बातें.
नई दिल्लीः शिवसेना के नेता और सामना के संपादक संजय रावत की ओर से दिए गए इस बयान से बवाल खड़ा हो गया है कि 70 और 80 के दशक के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मुलाकात किया करते थे. एबीपी न्यूज़ ने जब इस मामले की तहकीकात की तो पता चला कि दोनों के बीच में सिर्फ एक ही मुलाकात हुई थी और वो मुलाकात दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में हुई थी जहां पद्म पुरस्कार दिए जा रहे थे.
ये 1973 की बात है जब मशहूर लेखक अभिनेता और कवि हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय को पद्मभूषण पुरस्कार दिया जाना था जब चट्टोपाध्याय ये पुरस्कार लेने के लिए दिल्ली जा रहे थे तो करीम लाला ने उनसे गुजारिश की कि वो भी राष्ट्रपति भवन देखना चाहते हैं और साथ चलने का निवेदन किया. इस पर चट्टोपाध्याय उन्हें अपने साथ ले गए. दिल्ली में पद्म पुरस्कार समारोह के दौरान देश की कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद थी जिनमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी थी पुरस्कार वितरण के बाद जब लोग आपस में मेल मिलाप करने लगे तो उसी दौरान करीम लाला ने इंदिरा गांधी से मुलाकात की और उनके साथ एक तस्वीर भी खिंचाई.
करीम लाला ने खुद को मुंबई में पठानों के नेता के तौर पर पेश किया था. तमाम अंडरवर्ल्ड डॉन की तरह करीम लाला का भी फिल्मी सितारों और फिल्मकारों के साथ उठना बैठना था. जब उन्हें मालूम पड़ा कि चट्टोपाध्याय दिल्ली जा रहे हैं तो उन्होंने भी साथ जाने की सोची. करीम लाला को चट्टोपाध्याय मना नहीं कर सके. देश की जानी मानी और ताकतवर हस्तियों के साथ अपनी तस्वीरें खिंचवा कर अंडरवर्ल्ड डॉन अपना रुतबा बढ़ाया करते थे.
दिल्ली में इंदिरा गांधी के साथ हुई करीम लाला की इस मुलाकात के अलावा कोई दूसरी मुलाकात दोनों के बीच मुंबई अंडवर्ल्ड के इतिहास में दर्ज नहीं है.