नोएडाः आशियाने की उम्मीद खो चुके बायर्स की आखों में एक बार फिर आस जगी है और ये आस रेरा ने जगाई है. दरअसल रेरा ने नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर के 100 से अधिक बिल्डरों के खिलाफ 2000 से अधिक आर सी जारी कर उनकी संपत्ति को जब्त कर नीलाम करने के आदेश दिए हैं ताकि नीलामी से आने वाले पैसे बायर्स को दिए जा सकें.
एक वक्त ऐसा था जब नोएडा-गाजियाबाद में फ्लैट खरीदना लोगों के लिए किसी सपने से कम नहीं होता था और इसकी वजह थी यहां की गगनचुंबी इमारतें जिनके फ्लैट की कीमत दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी . लेकिन इन्हीं चकाचौंध में फंसकर लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई इन बिल्डरों को खुशी खुशी सौंप दी. लेकिन इन बायर्स को ये नहीं पता था कि एक वक्त ऐसा भी आएगा कि जब उन्हें ना तो इनके सपनों का आशियाना मिलेगा और ना ही इनकी जिंदगी फिर की कमाई हुई पूंजी.
आज भी कई वर्ष बीत जाने के बाद भी बायर्स अपने सपनों के आशियाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. लेकिन जब इन बायर्स ने रेरा का दरवाजा खटखटाया तो रेरा ने इन बिल्डरों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया. जिसके बाद अब इन मायूस बायर्स में एक बार फिर उम्मीद की किरण जगी है कि हो ना हो रेरा उन्हें या तो उनके सपनों का आशियाना दिलाएगा या फिर उनकी जीवन भर की पूंजी .
वहीं रेरा अधिकारियों की मानें तो बिल्डर्स ने बायर्स के साथ गलत किया है और हमारा मकसद है कि बायर्स को या तो उनका घर मिले या फिर उनका पैसा. लेकिन 100 से अधिक बिल्डर ऐसे है जिन्होंने न तो बायर्स को भी फ्लैट दिया और न ही उनका पैसा वापस किया है. ऐसे 100 से अधिक बिल्डर को नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर में चिन्हित कर उनकी संपत्ति को जब्त कर नीलाम करने के आदेश दिए गये हैं, ताकि नीलामी से जो पैसा आये उसे बायर्स को दिया जा सके.
साथ ही प्रदेश सरकार से ई ऑक्शन की अनुमति मांगी है ताकि दुनिया भर के लोग बोली लगा सकें और संपत्ति की अच्छी कीमत मिल सके. अभी तक जो नीलामी होती है थी वो अखबारों में विज्ञापन निकलवा कर की जाती थी, जिससे अधिक लोग नीलामी में शामिल नही हो पाते थे. इस बार नीलामी ई ऑक्शन के जरिये होगी ताकि इस नीलामी को दुनिया भर के लोग देख सकें.
रेरा के इस कदम को लेकर एबीपी न्यूज ने बायर्स की एसोसिएशन नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार से बात की और यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार रेरा के इस कदम को लेकर उनका क्या कहना है. उन्होंने कहा रेरा का ये कदम बहुत ही सराहनीय है क्योंकि पिछले 10-12 सालों से बायर्स इन बिल्डरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही. यही वजह है कि हम लोगों ने रेरा के सामने अपनी बात रखी और कहा कि जब तक इन बिल्डरों को आर्थिक चोट नहीं दी जाएगी, तब तक ये सुधरेंगे नहीं. रेरा ने वैसा ही किया. इन बिल्डरों की संपत्ति को जब्त कर नीलाम करने की कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं.
अभिषेक ने कहा कि जिस तरीके से रेरा ने आरसी जारी की है उसको लेकर जो जिला प्रशासन की रिकवरी है वह बेहद कम है. यही वजह है कि बायर्स को जब तक पैसा मिल नहीं जाता तब तक विश्वास कर पाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि बायर्स सालों से सिर्फ एक के बाद एक आश्वासन ही सुनते आ रहे हैं, लेकिन हल अभी तक कोई नही निकला.
एबीपी न्यूज एक ऐसे ही बायर के पास पहुंचा, जिसने 2009 में इको विलेज में फ्लैट बुक कराया था लेकिन आज तक उसे फ्लैट बिल्डर ने नहीं दिया. जबकि वह सारा पैसा भी जमा कर चुका है. जब भी बिल्डर के पास जाता है तो बिल्डर का एक ही जबाब होता है जल्द ही फ्लैट मिल जायेगा लेकिन कब मिलेगा ये पता नहीं. वैसे तो नोएडा, एनसीआर में बिल्डरों की मनमानी किसी से छुपी नही है लेकिन रेरा की कार्रवाई से बिल्डर खेमे में भी खलबली मची हुई है. वहीं मायूस बायर्स भी उम्मीद भरी नजरों से रेरा के एक्शन को देख रहे हैं.
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