क्यों जंग के बीच एक पुल के मामले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचे रूस और यूक्रेन ?
Kerch Strait Dispute : केर्च जलसंधि विवाद को लेकर रूस और यूक्रेन इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने खड़ें हैं. चलिए जानते हैं कि क्यों यूक्रेन इस पुल को गिराना चाहता है और रूस क्यो इसको बचा रहा है.
Kerch Strait Dispute : रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में अब तक दोनों ही देशों को जान-माल का काफी नुकसान हो चुका है. जनवरी 2022 से शुरू हुए इस युद्ध में दोनों देशों की सेना एक दूसरे पर भीषण हमले कर रही हैं. भारत समेत कई देश चाहते हैं कि ये युद्ध रुक जाए और दोनों देश आमने सामने बैठकर हल निकालें. वहीं रूस और यूक्रेन युद्ध के मैदान के अलावा इंटरनेशनल कोर्ट में एक पुल के मामले को लेकर आमने सामने हैं. सोमवार को इसी केर्च जलसंधि विवाद को लेकर सुनवाई हुई.
क्या है केर्च जलसंधि विवाद ?
क्रीमिया को यूक्रेन से छीनने के बाद रूस ने केर्च जलसंधि में 19 किलोमीटर लंबा पुल बनाना शुरू किया. इसी के बाद से केर्च जलसंधि विवाद शुरू हुआ. यूक्रेन का आरोप है कि रूस केर्च जलडमरूमध्य को पूरी तरह अपने कब्जे में करने की कोशिश कर रहा है.
रूस के लिए काफी जरूरी है ये पुल
यह पुल रूस को क्रीमिया से जोड़ता है. यही नहीं इसी पुल के रास्ते क्रीमिया को ईंधन, खाद्यान्न और अन्य उत्पादों की आपूर्ति होती है. इसके अलावा यूक्रेन में रूसी सेना अपने सैनिकों के लिए रसद भेजने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल कर रही है. अगर यह पुल बंद हो गया तो इससे या फिर रूस के इस पुल का इस्तेमाल नहीं कर पाया तो यूक्रेन जंग में उसके लिए नई मुश्किलें शुरू हो जाएगी. इसके अलावा ये पुल आजोव सागर को काला सागर से भी जोड़ता है.
यूक्रेन कर चुका है पुल पर हमला
जेलेंस्की इस बात को काफी अच्छे से जानते हैं कि ये पुल रूस की सेना के लिए कितना ज्यादा जरुरी है. इसी को देखते हुए कुछ दिनों पहले इस पुल पर यूक्रेन की सेना ने अटैक किया था. आसान भाषा में जेलेंस्की इस रूस के बनाए गए इस पुल को गिराना चाहते हैं. यूक्रेन ने रूस पर ये भी आरोप लगाया है कि रूस ने जानबूझकर इसे कम ऊंचाई पर बनाया है, ताकि दुनियाभर से आने वाले जहाज इसके नीचे से न गुजर पाएं. सिर्फ छोटे रूसी जहाज ही इस रास्ते से निकल पाएं.
किसके पक्ष में आएगा निर्णय
दोनों ही देश एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. रूस की तरफ से इंटरनेशनल कोर्ट में यूक्रेन के सभी दावों को खारिज कर देने की अपील की है. तो वहीं यूक्रेन केर्च जलसंधि विवाद को लेकर पीछे हटता हुआ नहीं दिख रहा है. फिलहाल ये सुनवाई 5 अक्तूबर तक चलेगी.
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