रूस: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोविड-19 वैक्सीन से साइड-इफेक्ट्स के सवाल पर क्या कहा? जानिए
पुतिन ने ये नहीं बताया कि उन्होंने रूस की तीन कोविड-19 वैक्सीन में से किसका इस्तेमाल किया था. पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि डोज लगाने वाले डॉक्टर इस बारे में जानते होंगे.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कोविड-19 वैक्सीन से मामूली साइड इफेक्ट्स के अनुभव की बात कही है. इंटरफेक्स न्यूज एजेंसी ने टीवी इंटरव्यू के हवाले से जानकारी दी. रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को वैक्सीन का पहला डोज लगाया था, उसके बाद उन्हें हल्का साइड-इफेक्ट्स हुआ.
रूस के राष्ट्रपति को कोविड-19 वैक्सीन से साइड-इफेक्ट्स
उन्होंने सरकारी टेलीविजन से कहा, "टीकाकरण के बाद मैं अगली सुबह जागा और मुझे ऐसा लगा कि मांसपेशियों में हल्का दर्द हो रहा है. मैंने थर्मामीटर को उठाया..मेरा तापमान सामान्य था." उन्होंने ये भी बताया कि इंजेक्शन वाली जगह पर उन्हें असहजता का एहसास हुआ था. हालांकि पुतिन ने खुलासा नहीं किया कि तीन रूसी वैक्सीन में से किसका इस्तेमाल किया था, पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि टीका लगानेवाले डॉक्टर जानते हैं. क्रेमलिन ने पुतिन का दिसंबर में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के फैसले की घोषणा की थी.
इंजेक्शन की जगह पर असुविधा होने की बात स्वीकारी
राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि देरी लेनेवाली अन्य वैक्सीन के साथ उसे संयोजित करने की जरूरत के कारण हुआ. पुतिन ने कहा कि तीनों सभी रूस की वैक्सीन, सबसे ज्यादा चर्चित और बड़े पैमाने पर मुहैया स्पुतिन V, करीब सभी बराबर हैं. स्वसंत्र सर्वेक्षण के मुताबिक, करीब 2 तिहाई रूसी नागरिक स्पुतनिक V वैक्सीन का इस्तेमाल करने की इच्छा नहीं जताई है. 1 मार्च तक ज्यादातर प्रतिभागियों ने मुख्य वजह के तौर पर साइड-इफेक्ट्स का हवाला दिया.
रूस ने कोरोना वायरस अपना टीकाकरण अभियान के खिलाफ दिसंबर में शुरू किया था. पिछले सोमवार को पुतिन ने दावा किया था कि 144 मिलियन रूसी नागरिकों में से 4.3 मिलियन को अब तक वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं. पुतिन ने उम्मीद जताई कि रूस हर्ड इम्यूनिटी को पहुंच जाएगा और गर्मी के अंत तक महामारी से जुड़े प्रतिबंधों को उठा लिया जाएगा.
हर्ड इम्यूनिटी एक ऐसी स्थिति को कहा जाता है कि जिसमें आबादी के बड़े हिस्से को संक्रमण से इम्युनिटी मिल जाए जिससे बीमारी को फैलने से रोकने में प्रभावी तरीके से सक्षण हो सके. कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से कुछ वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि हर्ड इम्युनिटी उस वक्त शुरू होता है जब 50-70 फीसद आबादी सुरक्षित हो जाए.
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