अयोध्या में राम मंदिर के लिए विशेष मुहिम चलायेंगे संत, इकट्ठा किया जाएगा सोना
इस मुहिम के तहत देश के प्रत्येक गांव में एक संत जाएगा और प्रत्येक ग्राम से एक ग्राम सोना इकट्ठा कर राम मंदिर रथ के सारथी को सौंपेगा.केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली चुनाव से पहले राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान कर सकता है.ट्रस्ट के मंडल के लिए 42 लोगों के नामों की सूची गृह मंत्रालय को भेजी गई है.
प्रयागराज: माघ मेला में ज्योतिष पीठ के जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिविर में बुधवार को संपन्न हुए संत-भक्त संसद में उपस्थित साधु संतों ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए ग्राम-ग्राम, राम-राम मुहिम चलाने का फैसला लिया है.
सभा में श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण न्यास के अध्यक्ष श्रीमहन्त जनमेजय शरण जी महाराज ने कहा, "इस मुहिम के तहत देश के प्रत्येक गांव में एक संत जाएगा और सभी राम भक्तों को राम-राम कहकर प्रत्येक ग्राम से एक ग्राम सोना संगृहित कर राम मंदिर रथ के सारथी को सौंपेगा."
उन्होंने कहा कि सारथी रथ के साथ एक ग्राम (गांव) से एक ग्राम (वजन), सोना चला राम के नाम का उद्घोष करते हुए आगे बढ़ेगा. संतों ने शंकराचार्य जी द्वारा प्रस्तुत स्वर्णजटित बाल मंदिर के निर्माण के विचार का अभिनंदन किया है.
उन्होंने बताया कि स्वर्ण संग्रह हो जाने पर हर प्रदेश से राम मंदिर रथ अपने सारथी के नेतृत्व में प्रयाग के मनोकामेश्वर मंदिर पहुंचेंगे और फिर वहां से अयोध्या के लिए रवाना होंगे. इसके लिए 37 प्रदेशों के राम मंदिर सारथी नियुक्त किए जा चुके हैं.
सभा में सन्तों ने कहा कि विहिप का मंदिर का माडल छोटा है और भविष्य में दर्शनार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ है. इस सच्चाई को जितनी जल्दी समझ लिया जाये उतना अच्छा है.
सभा में अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम जी, महामन्त्री शंकराश्रम जी महाराज, अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ के ब्रह्मचारी गुणप्रकाश चैतन्य जी आदि सहित सैकड़ों सन्तों महंतों ने हिस्सा लिया और अपने विचार प्रकट किये. सभा की अध्यक्षता अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ने की.
कैसा होगा प्रस्तावित राम मंदिर? कितनी मंजिलें, कैसी मूर्तियां-
राम मंदिर कार्यशाला में हुई बातचीत के आधार पर प्रस्तावित राम मंदिर 2 मंजिला होगा, 128 फीट उंचा, 268 फीट लंबा, 140 फीट चौड़ा होगा. मंदिर निर्माण में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. मंदिर में नींव भी नही होगी, न ही लोहे छड़ का इस्तेमाल किया जाएगा. हर मंजिल पर 106 खंभे होंगे. जिसमें से पहली मंजिल के खंभे 14.5 फीट के होंगे और ग्राउंड फ्लोर के खंभे 16 फीटे के होंगे. हर खंभे पर 16 मूर्तियां होंगी.
खंभे के ऊपर तीन फीट मोटी पत्थर की बीम होगी और बीम के ऊपर 1 फीट मोटी चादर होगी. मंदिर की दीवारें 6 फीट मोटे पत्थरों से बनाई जाएंगी. मंदिर के चौखट को बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया जाएगा. मंदिर के पहली मंजिल पर राम दरबार होगा और ग्राउंड फ्लोर पर खुद रामलला होंगे. ग्राउंड फ्लोर पर 10फीट चौड़ा परिक्रमा स्थल भी होगा.
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास हैं. पिछले 28 सालों से वे रामलला की पूजा कर रहे हैं. जब भगवान विवादित गुंबद में थे, फिर टेंट में रहे और अब उनकी इच्छा भव्य मंदिर में रामलला की पूजा की है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को देने के साथ ही साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन अयोध्या में ही देने का आदेश दिया है.
दिल्ली चुनाव से पहले राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा हो सकती है
केंद्र सरकार दिल्ली चुनाव से पहले राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा करने जा रही है. 42 नामों में से राम मंदिर ट्रस्ट के लिए 8 से 18 लोगों के नाम फाइनल हो रहे हैं. सरकार की औपचारिक सहमति के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय इस बाबत अधिसूचना जारी कर देगा. मस्जिद के लिए भी तीन जगहों का प्रस्ताव दिया जा रहा है.
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