उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने वर्ष 1955 से ही सोनभद्र में आदिवासियों की जमीन पर कब्जे का उपक्रम शुरू कर दिया था. शुरुआती जांच में इसमें सपा के लोगों की भी संलिप्तता पता चली है. मामले का मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त सपा का सक्रिय कार्यकर्ता है. सरकार सोनभद्र में हुई ऐसी तमाम गड़बडि़यों की जांच करवा रही है. उनके दोषी भू-माफियाओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी नाकामी छुपाने के लिये सोनभद्र में हाल में हुए सामूहिक हत्याकांड में सपा का हाथ होने का इल्जाम लगा रहे हैं.
चौधरी ने सोनभद्र हत्याकांड के लिये कांग्रेस के साथ-साथ सपा को भी जिम्मेदार ठहराये जाने पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि योगी अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश में अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा सोनभद्र में हुए अपराध की पूरी जिम्मेदारी से कैसे बच सकती है। कानून—व्यवस्था और जान—माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.
सोनभद्र में हुई घटना के मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त के सपा का सक्रिय कार्यकर्ता होने के मुख्यमंत्री के आरोप पर चौधरी ने कहा कि योगी गलतबयानी कर रहे हैंय यज्ञदत्त से सपा का दूर-दूर तक वास्ता नहीं है.
सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भाजपा प्रदेश में व्याप्त घोर अराजकता पर पर्दा डालना चाहती है. वह सरकार नहीं चला पा रही है. जिस जमीन को लेकर वह हत्याकांड हुआ, उसे लेकर अर्से से मामला चल रहा था. पीड़ित आदिवासी लोग तहसील दिवस और थाना दिवस में शिकायत लेकर गये, मगर किसी ने नहीं सुनी.
उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी के सोनभद्र के दौरे पर तंज करते हुए इसे देर आए दुरुस्त आयद करार दिया.
प्रियंका ने एक ट्वीट में कहा 'उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के सोनभद्र जाने का मैं स्वागत करती हूं. देर से ही सही, पीड़ितों के साथ खड़ा होना सरकार का फर्ज है. अपना फर्ज पहचानना अच्छी बात है.'
उन्होंने कहा 'उम्भा को लम्बे समय से न्याय की प्रतीक्षा है. अपेक्षा है कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा और उनकी पांच मांगों को माना जाएगा.'
कांग्रेस महासचिव ने एक अन्य ट्वीट में कहा 'उम्भा गांव के पीड़ितों की आवाज का जब कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं, न्यायपसंद लोगों ने साथ दिया तब उत्तर प्रदेश सरकार को भी लगा कि कोई गम्भीर घटना घटी है.'
उन्होंने कहा 'जो घोषणाएं की गयी हैं, उन पर जल्द अमल हो. आदिवासियों को जमीन का मालिकाना हक मिले और सबसे जरूरी, गांव के लोगों को पूरी सुरक्षा मिले.'