बिहार: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान का मानना है कि देश के मुसलमानों को बीजेपी के प्रति अपने नज़रिए को बदलना चाहिए. एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लुसिव बातचीत में पासवान ने कहा कि मुसलमानों को उन लोगों का समर्थन करना चाहिए जो उनके लिए विकास का काम करे न कि उन्हें केवल वोट बैंक समझे.

 

पासवान का छलका दर्द

पासवान का बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिनों पहले यूपी के कैराना लोकसभा सीट और बिहार में जोकीहाट विधानसभा सीट पर एनडीए की दो पार्टियों क्रमशः बीजेपी और जेडीयू के उम्मीदवारों की हार हुई है. माना जा रहा है कि दोनों ही सीटों पर एनडीए की हार की मुख्य वजह रही भारी संख्या में मुसलमान मतदाताओं का होना. चूंकि दोनों ही सीटों पर विपक्ष ने साझा उम्मीदवार खड़ा किया जिससे मुस्लिम मतों का बंटवारा नहीं हुआ और एनडीए हार गई .

पासवान के ही शब्दों में,  "इन दोनों जगहों पर हम हार गए क्योंकि वहां मुसलमानों की तादाद बहुत ज़्यादा थी और ये चिंता की बात है." अफसोसनाक लहजे में पासवान ने आगे कहा , " नीतीश कुमार बिहार में इतना काम कर रहे हैं .... क्या उनका कसूर यही है कि वो बीजेपी के साथ हैं और इसलिए उन्हें ( मुसलमानों का ) वोट नहीं मिला ? मेरा गुनाह क्या है ? यही कि बीजेपी के साथ हूँ !!”

पार्टियों ने बंधुआ मजदूर समझा

राम विलास पासवान मानते हैं कि देश में मुसलमान मतदाताओं की विडंबना ये है कि एक तरफ तो एक पार्टी अछूत है वहीं दूसरी पार्टी ने उन्हें बंधुआ मजदूर बना लिया है . पासवान ने कहा कि मुसलमानों को अपना नजरिया बदल के उन लोगों का समर्थन करना चाहिए जो उनके बुनियादी विकास के लिए काम करे .

2019 की है चिंता ?

दरअसल एनडीए की सहयोगी पार्टियों को 2019 चुनाव में एकजुट विपक्ष की सूरत में मुस्लिम वोटों के संगठित होने का खतरा नज़र आ रहा है. ऐसे में कई सीटों पर एनडीए के लिए खतरा बढ़ सकता है और उसका समीकरण उल्टा पुल्टा हो सकता है.