नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में इंजीनियरिंग के छात्रों ने छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने और मनचलों को सबक सिखाने के लिए एक नायाब तरीका खोज निकाला है. छात्रों ने दो साल की मेहनत के बाद एक ऐसी जैकेट तैयार की है जिसे पहन कर महिलाएं बिलकुल सुरक्षित महसूस करेंगी. सुरक्षा के लिए बनाई गई जैकेट में करंट शॉट देने के साथ-साथ फोटो खींचने की भी व्यवस्था है. इतना ही नहीं ख़तरा महसूस होते ही जीपीएस और जीएसएम सिस्टम के ज़रिए इसकी जानकारी नजदीकी थाने और परिवार वालों को हो जाएगी.



मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों ने बनाई है ये जैकेट
मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग के पांच छात्रों शिवम श्रीवास्तव, राजीव मौर्या, नितिन कुमार, निखिल कुमार, त्रषभ भटनागर ने इस जैकेट को बनाया है. जैकेट पहनने के बाद अगर महिला को किसी ने छूने की कोशिश की तो पैनिक बटन दबाते ही उस शख्स को करंट लगेगा.


ऑटोमेटिकली सेंड हो जाएगी लोकेशन
इलेक्ट्रिकल सर्किट के माध्यम से एक मैसेज ऑटोमेटिकली सेंड हो जाएगा. ताकि जानने वालों लोगों को लड़की की लोकेशन का पता चल जाए. ये जैकेट पुलिस के लिए चुनौती बने मामलों में बहुत कारगर साबित होगी.


आम तौर पहनी जाने वाली जैकेट की तरह ही है ये अनोखी जैकेट
यह जैकेट आम तौर पहनी जाने वाली जैकेट की तरह ही है. जैकेट में एक सर्किट प्लेट अंदर की साइड में लगी है जिससे पहनने पर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. जैकेट की दाएं हाथ की तरफ एक पैनिक बटन लगाया गया है. जैकेट के कॉलर के पास कैमरा फिट है, जिससे छेड़छाड़ करने वाले की फोटो भी कैमरे में कैद हो जाएगी.



पुलिस का काम कर देगी आसान
इससे महिला से छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति तुरंत पुलिस की गिरफ्त में होंगे. महिलाओं के साथ बढ़ रही घटनाओं को लेकर पुलिस के सामने अपराधियों को पकड़ने की चुनौती रहती है. ऐसे में इस जैकेट से आरोपियों को पकड़ पाना आसान हो जाएगा.


दो साल के शोध के बाद तैयार हुई है ये जैकेट


जैकेट बनाने वाले छात्रों को कॉलेज में आयोजित प्रतियोगिताओं में कई अवार्ड मिल चुके हैं. छात्र शिवम ने बताया कि जैकेट का पेटेंट कराने के लिए आवेदन कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस जैकेट की कीमत भी सामान्य जैकेटों की तरह ही है. बढ़ते अपराधों को देख छात्रों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ नया करने का संकल्प लिया और जैकेट को बनाने का विचार किया था. दो साल के शोध के बाद ये जैकेट तैयार हुई है.