वाराणसी: देशभर में चल रहे किसानों के आंदोलन की आंच पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी पहुंच गई है. मंगलवार को किसानों ने सब्जियों को सड़कों पर फेंक कर सरकार की की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध जताया. किसानों ने राजातालाब स्थित पूर्वांचल की सबसे बड़ी सब्जी मण्डी के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए सब्जियों को सड़क पर फेंक दिया और सरकार के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया.


पीएम मोदी पर किसानों विरोधी होने का आरोप
राजातालाब में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने इस खराब हालात के लिए सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया आरोप लगाया. किसानों का कहना है कि पीएम संसदीय क्षेत्र में करईल मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी होने के चलते यह इलाका बहुत ही उपजाऊ है. साथ ही यहां गंगा के किनारे पर स्थित गांवों में प्रचुर मात्रा में सब्जी, फूल इत्यादि बहुफसली खेती होती है.


किसान खेत मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक विनय शंकर राय ने कहा कि वाराणसी की जनता ने बनारस से किसी संसद नहीं प्रधानमंत्री को चुनकर केंद्र में भेजा था. लेकिन बीते चार वर्षों में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी में न तो कोई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगवा सके और न ही फूड पार्क बनवा सके. पीएम ने कई वर्षों से बन्द राजातालाब का कोल्डस्टोरेज तक चालू नहीं करवाया है. मोदी के किसानों को नजरअंदाज करने के रवैये से पता चलता है कि सत्ता मिलने के बाद से वे निरंकुश और किसान विरोधी नीति अपनाए हुए हैं.


किसानों की अनदेखी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा


किसानों के आंदोलन गांव बंद की अगुवाई कर रहे विनय शंकर राय 'मुन्ना' कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसान के लिए खेती के जरिए अब अपना लागत मूल्य निकालना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार अब पूंजीपतियों के गोद में बैठी है.


किसानों की उपज की खरीद में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि किसान की फसल खरीदने के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था ही नहीं है. क्रय केन्द्रों पर जब किसान अपनी फसल बेचने जा रहा है तो उसका बिचौलियों के हाथों शोषण हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन क्रय केंद्रों पर दलाली करने वाले सरकार के एजेंट हैं, जो खुलेआम किसानों को लूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब से केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार आई है तब से किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.


9 और 10 जून को होगा बड़ा प्रदर्शन


वहीं पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगी राज पटेल ने एलान किया कि गांव बंद किसान आंदोलन से वाराणसी के किसानों को जोड़कर किसान विरोधी सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार अन्दोलन किया जाएगा. वहीं विभिन्न राजनितिक दलों के किसान संगठनों ने नौ जून को मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर प्रोजेक्ट की जद में आए चार गांवों के किसान और उसके अगले दिन 10 जून को रिंग रोड फेज टू लोहरापुर से रखौना तक 27 गांव के किसान संकल्प मार्च निकाल कर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. इसके आलवा किसान पदयात्रा निकालकर पूर्वांचल की सभी मंडियों को बंद कराएंगे.