लखनऊ: यूपी में बीजेपी के सभी दफ्तरों में पीएम मोदी और सीएम योगी की मूर्तियां लगाए जाने के फैसले पर विपक्षी पार्टियों के साथ ही योगी सरकार में शामिल सहयोगी पार्टियों ने भी तंज कसते हुए सियासी निशाना साधा है. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर इन मूर्तियों के लगने गरीब-परेशान और अशिक्षित आम जनता को क्या हासिल होगा. उन्होंने इशारों में यह भी कहा है कि बीजपी नेताओं को अगर अपनी ही मूर्तियां लगवानी थीं, तो वह मायावती की मूर्तियों का विरोध क्यों करते थे.
गरीबों का पेट भरना ज्यादा जरुरी
बीजेपी पर बड़ा निशाना साधते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि जो समाज या संगठन अपने इतिहास से सबक नहीं लेता और अपने बुजुर्गों की कद्र कर उन्हें उचित सम्मान नहीं देता, वह ज़्यादा दिनों तक आगे नहीं बढ़ सकता. राजभर के मुताबिक़ मूर्तियां लगाने से ज़्यादा ज़रूरी गरीबों के लिए भरपेट खाने का इंतजाम करने, उसके लिए घर बनवाने और इलाज और साफ़-सफाई इंतजाम किए जाने ज़्यादा ज़रूरी हैं, क्योंकि मूर्तियों से यह ज़रुरत पूरी नहीं हो सकती हैं.
राजभर ने कहा- सरकार बदलने के बाद भी तमाम अफसरों का रवैया नहीं बदला
इलाहाबाद में बात करते हुए मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वह सरकार में शामिल होने के बावजूद कई बार इसलिए आवाज़ उठाकर सवाल करते हैं क्योंकि सरकार बदलने के बाद भी तमाम अफसरों का रवैया नहीं बदला है. तमाम ऐसे अधिकारी जो पिछली सरकारों में लूट रहे थे, उनका रवैया आज भी नहीं बदला है. उन्होंने यह सफाई दी कि एनडीए परिवार की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी का मुखिया होने के नाते अमित शाह को कुछ परेशानी तो उठानी ही होगी.
राजभर ने कहा- कई चुनावों तक बीजेपी के साथ बना रहूंगा
हालांकि उन्होंने यह सफाई ज़रूर दी कि विचारों में कुछ मतभेद होने के बावजूद वह न सिर्फ अगले लोकसभा चुनाव बल्कि 2024 में भी बीजेपी के साथ बने रहेंगे.उन्होंने कहा कि लोग उनको लेकर भले ही कुछ भी सोचें, लेकिन यह तय है कि वह बीजेपी का साथ छोड़ने नहीं जा रहे हैं और अगले कई चुनावों तक बीजेपी के साथ बने रहेंगे.